Burahanpur Lok Sabha Election Congress BJP News – एमपी में कांग्रेस को एक और जबर्दस्त झटका लगा है। प्रदेश के बुरहानपुर Burahanpur में लोकसभा चुनावों के पहले Lok Sabha Election कांग्रेस के कई नेता एक साथ पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले गए। कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष सहित चार बड़े नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन की है। लोकसभा चुनावों में वोटिंग से महज एक दिन पूर्व चार अहम नेताओं के चले जाने से कांग्रेस को कई दिक्कत आ सकती हैं। चुनाव से पहले बुरहानपुर में कांग्रेस को यह तीसरा झटका लगा है। इधर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस के ये नेता अपने व्यक्गित हितों के कारण बीजेपी में गए हैं।
रविवार को कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप राजे सहित वरिष्ठ नेता मनोज पांडेय, निखिल मुंशी और फिरोज भाई ने बीजेपी का दामन थाम लिया। जिलाध्यक्ष डा. मनोज माने ने बीजेपी कार्यालय में कांग्रेस नेताओं को गमछा पहनाकर बीजेपी ज्वाइन कराई। कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं और उनके समर्थकों को मिष्ठान्न खिलाकर मुंह मीठा कराया गया।
बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रदीप राजे ने कांग्रेस पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी हावी है। वे कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहे। शास्त्री वार्ड से तीन बार पार्षद रहे हैं लेकिन जनता की इच्छाओं के मुताबिक काम नहीं करा सके। बीजेपी सरकार में विकास हो रहा है, लाखों लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसी वजह से वे बीजेपी में शामिल हुए।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बुरहानपुर में यह तीसरा झटका है। इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश महासचिव दुर्गेश शर्मा और नेपानगर के पूर्व नगर अध्यक्ष हेमंत सिद्धवाणी भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं।
इस घटनाक्रम पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष रिंकू टाक ने कहा कि ये नेता व्यक्गित हितों के कारण पार्टी छोड़ कर गए हैं। कांग्रेस पार्टी में सभी को यथोचित सम्मान मिलता है। इधर बीजेपी जिलाध्यक्ष माने का कहना है कि जनहितैषी योजनाओं से प्रभावित होकर कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।
जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार इसे अलोकतांत्रिक करार दे रहे- बता दें कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने पर दोनों दलों में घमासान मचा है। सीएम मोहन यादव और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा जहां इसे बीजेपी की कल्याणकारी योजनाओं का कमाल बता रहे हैं वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार इसे अलोकतांत्रिक करार दे रहे हैं।