चंडीगढ़ : इनेलो ने बुधवार को हरियाणा के राज्यपाल महामहिम कप्तान सिंह सोलंकी को एक ज्ञापन देकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपना संवैधानिक दायित्व निभाने में असफल बताते हुए उन्हें तुरंत बर्खास्त किए जाने की मांग की। इनेलो विधायकों व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला और प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने किया।
प्रतिनिधिमण्डल में पूर्व कृषि मंत्री जसविंदर सिंह संधू, रामपाल माजरा, विधायक परमेंद्र ढुल, रणबीर गंगवा, बलवान सिंह दौलतपुरिया, रामचंद कम्बोज, प्रो. रविंद्र बलियाला, वेद नारंग, पिरथी सिंह नम्बरदार, अनूप धानक, डॉ. हरिचंद मिड्ढा, डॉ. केसी बांगड़, डॉ. एमएस मलिक, बीडी ढालिया, राम सिंह बराड़, एनएस मल्हान, अशोक शेरवाल व प्रवीन आत्रेय सहित पार्टी के अनेक प्रमुख नेता शामिल थे।
राज्यपाल को दिए ज्ञापन में इनेलो नेताओं ने कहा कि प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जब अपने पद की शपथ ली थी तो उन्होंने प्रदेश की जनता को उनके हितों की रक्षा करने का भी भरोसा दिलाया था। लेकिन खेद की बात है कि वे अपने संवैधानिक दायित्व को निभाते हुए प्रदेश के हितों की रक्षा करना तो दूर बल्कि सीएम एक ऐसे राज्य की नीतियों का समर्थन करने में अपनी प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं जो हरियाणा के हितों पर कुठाराघात करते हुए उसकी जीवनरेखा से उसे वंचित कर रहा है। इनेलो नेताओं ने कहा कि नदियों के जल बटवारे के अनुसार हरियाणा को उसके हिस्से का रावी और ब्यास नदियों से जल पहुंचाने के लिए एसवाईएल नहर बनाई जानी थी। लेकिन पड़ौसी राज्य पंजाब ने हरियाणा के हितों को दरकिनार करते हुए इसे बेवजह विवादित बना दिया तब यह मुद्दा विभिन्न चरणों से गुजरता हुआ देश के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा और जिसने हरियाणा के हक में अपना फैसला दिया।
राज्यपाल को दिए ज्ञापन में इनेलो नेताओं ने कहा कि इसके बाद भी पंजाब ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की अवहेलना करते हुए एक असंवैधानिक विधेयक पारित कर हरियाणा को उसके हिस्से के पानी से वंचित रखने का प्रयास किया लेकिन उस विधेयक को भी सर्वोच्च न्यायालय ने असंवैधानिक घोषित किया है जो अब एक इतिहास का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी पंजाब में ऐसी सरकार जिसमें अकाली दल और भाजपा भागीदार हैं, ने आने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में और इससे पहले भी समय-समय पर हरियाणा को उसके एसवाईएल के हिस्से के पानी के अधिकार से वंचित रखने का खुल्लमखुल्ला प्रचार किया और कानूनी अड़चनें भी पैदा की हैं। इस प्रकार का प्रचार करने और उसमें भागीदार होना हरियाणा के हितों पर सीधा कुठाराघात है। इनेलो नेताओं ने कहा कि हरियाणा के सीएम सहित पूरी भाजपा सरकार आने वाले पंजाब विधानसभा में उस प्रदेश में अपनी पार्टी के पक्ष में लेकिन हरियाणा के हितों के खिलाफ चुनाव प्रचार में भाग लेगी जिससे यह स्पष्ट है कि सीएम व उनकी पूरी सरकार न सिर्फ अपने संवैधानिक दायित्व को निभाने में विफल रही है बल्कि वह सक्रिय रूप से हरियाणा के वैधानिक हितों के खिलाफ भी काम कर रही है। इनेलो नेताओं ने राज्यपाल से सीएम हरियाणा द्वारा अपने संवैधानिक कर्तव्य की उपेक्षा किए जाने व प्रदेश हितों को ध्यान में रखते हुए तुरंत प्रभाव से मुख्यमंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग की।
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जो सीएम एसवाईएल पर पीएम से मिलने के लिए पौने दो महीने तक समय न ले पाए वे प्रदेश हितों की क्या रक्षा करेंगे? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रदेश को आगे ले जाने में कोई दिलचस्पी नहीं है और वे आए दिन कोरी घोषणाएं कर रहे हैं जिनके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार से इस बारे में विधानसभा में पूछा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को बहकाने के लिए कभी गीता जयंती के नाम पर तो कभी सरस्वती के नाम पर बेवजह पैसा खर्च किया जा रहा है और अब अप्रवासी सम्मेलन के नाम पर जो खर्चा किया गया बताते हैं कि जिन्हें बुलाया गया है उनके लिए हवाई टिकटों से लेकर ठहरने तक सारा खर्चा सरकार कर रही है। आज प्रदेश की आर्थिक हालत बेहद खराब है और जब सरकार के पास आर्थिक संकट हो तो सरकार को ऐसी फिजूलखर्ची से बचना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि एसवाईएल की खुदाई प्रदेश के लाखों लोगों को साथ लेकर इनेलो हर हाल में 23 फरवरी को इस्माइलपुर से शुरू करेगी और लोगों को इनेलो से ही आस है कि प्रदेश को एसवाईएल का पानी इनेलो ही लाकर दे सकती है। उन्होंने एसवाईएल पर कांग्रेस व भाजपा पर दोहरी भाषा बोलने और राजनीति करने का आरोप भी लगाया।