वैक्सीन निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका के एक कबूलनामे के बाद भरत में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड लेने वाले लोग काफी आशंकित नजर आ रहे हैं. इसी के बाद से वैक्सीन को लेकर हर तरफ चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
अचानक यह भी देखा गया है कि वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को ममिलने वाले सर्टिफिकेट से पीएम नरेंद्र मोदी का फोटो हटा दिया गया है. ऐसे कई सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हैं जिनमें देखा जा सकता है कि उनमें बारकोड के बगल लगने वाला पीएम मोदी का फोटो अब नहीं है. इसे भी सोशल मीडिया यूजर्स ने एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे से जोड़ा तो स्वास्थ्य मंत्रालय को जवाब देना पड़ा है.
वैक्सीन लगाने की जब शुरुआत हुई थी तब लोगों को दिए जाने वाले डिजिटल या प्रिंटेड सर्टिफिकेट पर पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो लगी होती थी. इस पर पीएम मोदी कही बात, ‘दवाई भी और कड़ाई भी’ लिखी गई थी. उस वक्त भी विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए थे कि आखिर इस सर्टिफिकेट में पीएम नरेंद्र मोदी के फोटो की क्या जरूरत है. अब अचानक फोटो हटने पर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
क्या है मंत्रालय का जवाब?
इन चर्चाओं को विराम देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जवाब दिया है. मंत्रालय ने कहा है कि चुनावी आचार संहिता लागू होने की वजह से इन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो नहीं लगाई जा रही है. मंत्रालय ने यह भी बताया है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब पीएम मोदी के फोटो को हटाया हो. बताया गया है कि साल 2022 में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान भी पीएम मोदी के फोटो सर्टिफिकेट पर नहीं छापे गए थे.
बता दें कि साल 2021 में सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी का फोटो लगाने पर हुए विवाद के बाद यह केस केरल हाई कोर्ट तक पहुंच गया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि दूसरे देशों में सर्टिफिकेट पर चुने हुए नेताओं की तस्वीर नहीं लगाई जाती. इस मामले में जस्टिस पी वी कुन्हिकृष्णन ने कहा था, ‘हो सकता है उन्हें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व न हो लेकिन हमें है.’