Rahul Gandhi Amethi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने परिवार की परंपरागत लोकसभा सीट अमेठी से कमबैक करने की तैयारी कर रहे हैं। 2019 के चुनाव में ढहे कांग्रेस के इस किले को फिर से हासिल करने के लिए एक रणनीति तैयार की गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संकेत दिए थे कि अमेठी और रायबरेली सीट पर चौंका देने वाला फैसला होगा।
दो चरणों के मतदान संपन्न होने के बाद कांग्रेस की ओर से अब साफ संकेत है कि राहुल गांधी अमेठी से भी चुनाव लड़ेंगे। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस कदम से एक तीर के जरिए कई निशाने साधना चाहती है। हालांकि राहुल (Rahul Gandhi Amethi) के चुनाव लड़ने की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस आज शाम तक अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है।
अमेठी से चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी कल दाखिल करेंगे नामांकन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार, 3 मई को अमेठी जाएंगे। यहां पर वो अपना नामांकन भरेंगे। इस बार राहुल गांधी अमेठी को स्मृति ईरानी से छीनने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस का यह अभेद किला ढहा दिया था और गद्दी अपने नाम कर ली थी। ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या राहुल गांधी कांग्रेस के इस किले को दोबारा अपने नाम कर पाएंगे या नहीं?
क्या है कांग्रेस की रणनीति
अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के फैसले को अलग-अलग सियासी पंडित अलग-अलग चश्मों से देख रहे हैं। एक्स्पर्ट्स का कहना है कि राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने से ना सिर्फ यूपी में कांग्रेस का जोश हाई होगा बल्कि उत्तर भारत में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उत्साह आएगा। कांग्रेस की इंटर्नल रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि अमेठी का माहौल बदल रहा है, ऐसे मेें कांग्रेस के पास अपना खोया हुआ किला वापस हासिल करने का मौका है।
वहीं कुछ सियासी विश्लेषकों का कहना है कि अगर राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ते है तो बीजेपी की पूरी मशीनरी का फोकस अमेठी की ओर हो जाएगा, ऐसे में रणनीति के तहत कांग्रेस उन सीटों पर ज्यादा जोर दे पाएगी जहां बीजेपी को मात दी जा सकती है। राहुल वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं, इस सीट पर 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है और माना जा रहा है कि इस सीट से राहुल की जीत तय है।
अमेठी सीट का चुनावी इतिहास
कांग्रेस और गांधी परिवार का गढ़ अमेठी लोकसभा सीट को माना जाता है। इस सीट पर 1980 में संजय गांधी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1984 में राजीव गांधी यहां से चुनावी मैदान में उतरे। 1991 तक वे यहां से सांसद रहे। 1999 में सोनिया गांधी ने अमेठी सीट से चुनावी मैदान में उतर कर जीत दर्ज की। 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राहुल गांधी ने जीत दर्ज की। हालांकि, 2019 में उन्हें हार कार सामना करना पड़ा। इस सीट से स्मृति इरानी ने तीसरी बार नामांकन दाखिल किया है तो वहीं राहुल इस सीट से पांचवी बार पर्चा दाखिल करेंगे।