Sanjay Nirupam Join Eknath Shinde Shiv Sena : लोकसभा चुनाव 2024 के चलते महाराष्ट्र में इन दिनों दल-बदल की बयार चल रही है। इसी बीच, राज्य के पूर्व कांग्रेस नेता संजय निरुपम अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होंगे। मुंबई के पूर्व सांसद निरुपम 3 मई को शिवसेना का दामन थामेंगे।
कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके संजय निरुपम ने शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने 3 मई को शिवसेना में शामिल होने का ऐलान किया। दो दशक बाद संजय निरुपम की शिवसेना में घर वापसी होगी। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की है कि 20 साल बाद वह शिवसेना में घर वापसी करने वाले है।
20 साल बाद घर वापसी से खुश हूं- निरुपम
मुंबई में सीएम शिंदे से मुलाकात के बाद संजय निरुपम ने कहा, आगे क्या करना है, इस पर व्यापक चर्चा हुई है। शुक्रवार शाम में वह शिवसेना पार्टी में शामिल होंगे। मुंबई के उत्तर भारतीय मतदाताओं में निरुपम की अच्छी पकड़ मानी जाती है।
पत्रकारों से बात करते हुए निरुपम ने कहा, आज मैं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निमंत्रण पर बालासाहेब भवन में उनसे मिला। उनसे मुलाकात के दौरान आगे क्या करना है और कैसे काम करना है, इस पर विस्तृत चर्चा हुई। शिवसेना में शामिल होने के बाद पार्टी के सभी उम्मीदवार के लिए जोर-शोर से प्रचार करूंगा। यह सुनिश्चित करने की कोशिश करूंगा कि शिवसेना के सभी उम्मीदवार जीतें।
संजय निरुपम ने कहा, शिवसेना में शामिल होने के बाद पार्टी जो आदेश देगी, मैं वही करूंगा। मेरा शिवसेना में शामिल होना बहुत खुशी की बात है। यह 20 साल बाद मेरी घर वापसी है, 20 साल पहले यह (शिवसेना) मेरा घर था। अब 20 साल बाद मैं दोबारा अपने घर में प्रवेश करने जा रहा हूं।
शिवसेना को कैसे होगा फायदा?
बता दें कि संजय निरुपम उत्तर-पश्चिम मुंबई निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन शिवसेना ने यहां से अपने विधायक रवींद्र वायकर को प्रत्याशी बनाया है। वायकर का मुकाबला शिवसेना (उद्धव गुट) के अमोल कीर्तिकर से है।
इस लोकसभा सीट के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से तीन पर बीजेपी और दो पर शिवसेना (यूबीटी) यानी उद्धव गुट का कब्जा है। वायकर इसी संसदीय सीट के अंतर्गत आनेवाले जोगेश्वरी (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना विधायक है। इस क्षेत्र में हिंदीभाषी मतदाताओं की संख्या अधिक है, ऐसे में संजय निरुपम के साथ आने से वायकर की जीत की संभावना बढ़ेगी।