कुमारी शैलजा ने कहा किसानों के लिए जी का जंजाल बना मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल
किसानों ने दर्ज करवाई 50688 शिकायतें, पिछले 15 दिन से 10902 शिकायतें लंबित
शिकायतों का समाधान न होने पर मंडी में बेच नहीं पा रहे हैं गेहूं की फसल
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है, सरकार ने पोर्टल के खेल में किसानों को फसा कर रख दिया है।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया है, पिछले 15 दिनों ने 10902 शिकायतें लंबित है, बिना सत्यापन के किसान मंडी में गेहूं की फसल तक नहीं बेच पा रहे है। सरकार को किसान हितैषी होने का दावा करने के बजाए उनके हितों की रक्षा करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि सरसों, गेहूं आदि फसल एमएसपी पर बेचने के लिए पहले मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है। रबी सीजन में प्रदेशभर में 1103095 किसानों पर पोर्टल पर 6419348 एकड़ का पंजीकरण करवाया था जिसमें से केवल 6319060 एकड़ का सत्यापन हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में 50688 किसानों ने गलत पंजीकरण, फसल का नाम गलत दर्ज होने, क्षेत्रफल कम दर्ज होने, सत्यापन न होने से संबंधित शिकायतें दर्ज करवाई थी जिनमें से 10902 शिकायतें आज भी दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि इन शिकायतों का निपटारा न होने पर किसान मंडी में अपनी फसल तक नहीं बेच पा रहे हैं। भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, पलवल, महेंद्रगढ़ जिलों में सर्वाधिक शिकायतें लंबित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की समस्याओं और उनकी शिकायतों पर सबसे पहले ध्यान देना चाहिए, वर्ना तो किसानों ने इस चुनाव में सरकार को सबक सिखाने का मन बना लिया है।
बुढ़ापा और विधवा पेंशन का जल्द हो भुगतान
कुमारी सैलजा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर अवगत करवाया है कि प्रदेश में बुजुर्ग और विधवा पेंशन धारकों को काफी परेशानी हो रही है, इंडियन बैंक द्वारा आईएफएससी कोड में बदलाव करने से बुढ़ापा और विधवा पेंशन प्रक्रिया में अनावश्यक देरी हो रही है। ऐसे में इन पेंशन धारकों को पेंशन प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, ऐसे हालात में उनकी जीवनयापन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, बुढ़ापा और विधवाएं इस तकनीकी समस्या के कारण अपनी जरूरतों के लिए धन प्राप्त करने में असमर्थ है। उन्होंने कहा है कि इस समस्या के तत्काल समाधान के लिए एक स्थायी प्रक्रिया स्थापित करने के लिए उचित कदम उठाया जाए।