*BREAKING NEWS*
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा है कि वाड्रा-DLF सौदे की जांच सुस्त क्यों? 10 साल हुए, और कितनी प्रतीक्षा। ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में। पापियों की मौज। उन्होंने यह भी लिखा है कि शासक की मंशा कमजोर क्यों? प्रधानमंत्री का देश को वर्ष 2014 में दिया गया वचन एक बार ध्यान तो किया जाए।
इससे पहले खेमका ने 11 महीने पहले भी लगातार दो ट्वीट कर इस लैंड डील को लेकर सवाल उठाए थे। खेमका मार्च 2023 में इस मामले में वित्तीय लेन देन की जांच को लेकर सरकार के द्वारा गठित की गई नई SIT पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं।
वह कह चुके हैं कि क्या पुलिस तहकीकात का भी यही हश्र होगा ? जिन्हें कटघरे में खड़ा होना चाहिए था, वह हाकिम बने हुए हैं। उन्होंने न्याय नीति पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि यह कैसी न्याय नीति है।