दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका द्वारा दूसरी बार टिप्पणी करने के बाद भारत ने प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने इसे अनुचित और अस्वीकार्य बताया है। इससे पहले भी अमेरिका ने केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में टिप्पणी की थी। तब भी भारत ने आपत्ति जताई थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका की टिप्पणी अनुचित और अस्वीकार्य हैं। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “चुनावी और कानूनी प्रक्रियाओं पर ऐसा कोई भी बाहरी निमंत्रण पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया का कोई और तरीका नहीं है, वह तो देश के कानून से ही चलेगी।
बुधवार को ही अमेरिका की उप-राजदूत ग्लोरिया बेरबेना को तलब किए जाने के अगले ही दिन भारत ने यह जवाब दिया है। इससे पहले उप-राजदूत को भारत की ओर से साफ संदेश दिया गया था कि अमेरिका का यह बयान अवांछित है और उसे हमारे मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। इसके बावजूद अमेरिका ने फिर से टिप्पणी कर दी। अमेरिका ने कांग्रेस के फ्रीज खातों को लेकर भी टिप्पणी की। अमेरिका ने कहा कि हमें पता है कि कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं। अब भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को साफ तौर पर चेताया है और कहा कि कानूनी प्रक्रिया पर बयानबाजी ठीक नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘कल भारत ने अमेरिकी दूतावास की वरिष्ठ अधिकारी को तलब कर अपनी तरफ से स्पष्ट राय रखी थी। हमें अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई राय पर सख्त आपत्ति है।’ जायसवाल ने कहा, ‘अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अब जो बयान दिया है, वह पूरी तरह से अवांछित है। हमारी चुनावी और कानूनी प्रक्रिया में किसी भी तरह का बाहरी दखल या why-फिर टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है। जायसवाल ने कहा कि भारत में कानूनी प्रक्रिया नियमों के तहत ही चलती है। किसी भी लोकतांत्रिक देश को, जिसके मूल्य भारत जैसे ही हों, इसे स्वीकार करने में परेशानी नहीं होनी चाहिए। भारत को अपने स्वायत्त एवं मजबूत लोकतांत्रिक संस्थानों पर गर्व है। हम उन्हें किसी भी तरह के नुकसान से बचाने और बाहरी प्रभाव से अलग रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’