CAA Supreme Court: नागरिकता कानून यानी सीएए पर मंगलवार 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों पर रोक लगाने की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से जवाब मांगा है।
अब इस मामले पर अगली सुनवाई 9 अप्रैल 2024 को की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बीच नागरिकता देने पर कोई रोक नहीं है। हालांकि याचिकाकर्ताओं ने ये मांग की थी कि जब तक कोर्ट का फैसला ना आए, नागरिकता देने के कानून पर रोक लगनी चाहिए।
जानें सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि उन्हें 20 आवेदनों पर जवाब देने के लिए कुछ समय चाहिए। ये 20 ऐसे आवेदन हैं, जिसमें सीएए के नियमों पर रोक लगाने की मांग की गई है।
तुषार मेहता ने पीठ से कहा, “यह (सीएए) किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता है।” पीठ में डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। संसद द्वारा कानून पारित होने के चार साल बाद 11 मार्च 2024 को केंद्र ने सीएए नियमों को अधिसूचित किया था। सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासी, जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं, उन्हें नागरिकता देने का प्रावधान है।
कई विपक्षी दलों ने सीएए की आलोचना करते हुए इसे भेदभावपूर्ण, सांप्रदायिक और संविधान विरोधी बताया है। सीएए का सबसे ज्यादा विरोध पश्चिम बंगला और असम में हो रहा है।