नई दिल्ली : देश में बोलने की आजादी कायम रखने के लिए प्रेस जिम्मेदार है साथ ही अभिव्यक्ति की आजादी बनी रहनी चाहिए। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि प्रेस पर बाहरी नियंत्रण समाज के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें याद है कि किस तरह से प्रेस परिषद को इमरजेंसी के दौरान सीज कर दिया गया था। जब मोरार जी भाई प्रधानमंत्री बने तब हालात सामान्य हुए। पीएम ने कहा कि कोई भी मौत चिंताजनक है लेकिन पत्रकार अपनी जान सिर्फ इसलिए गंवा रहे हैं क्योंकि वो सच दिखाना चाहते हैं, ये बहुत ही गंभीर बात है।
उन्होंने कहा कि प्रेस काउंसिल के 50 साल पूरे हो रहे हैं लेकिन यह भी सच है कि इस दौरान एक कालखंड के लिए प्रेस काउंसिल को खत्म कर दिया गया था।
पीएम ने कहा कि प्रेस काउंसिल एक स्वतंत्र व्यवस्था है। यह व्यवस्था इस क्षेत्र की स्वतंत्रता को बनाए रखने, अभिव्यक्ति की आजादी को बरकरार रखने और कभी कोई तकलीफ आए तो खुद बैठ कर उसे सुलझाने के लिए है। पीएम मोदी ने कहा कि पुराने युग में वो चुनौतियां नहीं थी, जो आज के युग में है। उन्होंने कहा कि पहले के पत्रकारों के पास सुधार के अवसर थे लेकिन आज के पत्रकारों के पास अवसर नहीं है। उन्होंने कहा कि गलतियों के आधार पर मीडिया का मूल्यांकन करना उचित नहीं होगा।