Rahul Gandhi on Electoral Bond Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें भुनाए गए चुनावी बांड का ब्योरा सार्वजनिक करने के लिए 30 जून तक की मोहलत मांगी गई थी। भारत के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने बैंक के आवेदन को खारिज कर दिया। पीठ ने एसबीआई को मंगलवार, 12 मार्च को कामकाजी घंटों की समाप्ति तक जानकारी का खुलासा करने का आदेश दिया। पांच न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे, ने कहा, “हम भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देते हैं कि वह एसबीआई से जानकारी हासिल कर 15 मार्च को शाम 5 बजे से पहले अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर विवरण प्रकाशित करेगा।”
अब इस मामले पर राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के चंदे के धंधे की पोल खुलने वाली है! 100 दिन में स्विस बैंक से काला धन लाने का वायदा कर सत्ता में आई सरकार अपने ही बैंक का डेटा छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सिर के बल खड़ी हो गई।
राहुल गांधी ने एक्स (X) पर लिखा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस नेता ने लिखा, “नरेंद्र मोदी के ‘चंदे के धंधे’ की पोल खुलने वाली है! 100 दिन में स्विस बैंक से काला धन लाने का वायदा कर सत्ता में आई सरकार अपने ही बैंक का डेटा छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सिर के बल खड़ी हो गई। Electoral Bonds भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है, जो भ्रष्ट उद्योगपतियों और सरकार के नेक्सस की पोल खोल कर नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देश के सामने लेकर आएगा। क्रोनोलॉजी स्पष्ट है – चंदा दो- धंधा लो, चंदा दो- प्रोटेक्शन लो! चंदा देने वालों पर कृपा की बौछार और आम जनता पर टैक्स की मार, यही है भाजपा की मोदी सरकार।”
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक ठहरा दिया था
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक ठहरा दिया था और एसबीआई को मामले का खुलासा करने का आदेश दिया था। चार मार्च को सुप्रीम कोर्ट में दायर एक आवेदन में, एसबीआई ने कहा कि चुनावी बांड की “डिकोडिंग” और दानकर्ता का दान से मिलान करने में समय लगेगा। यह काम तीन सप्ताह की समय-सीमा में पूरा नहीं हो पाएगा।
15 फरवरी को दिए गए एक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना, 2018 को असंवैधानिक करार दिया और एसबीआई को तुरंत इन्हें जारी करने से रोकने का आदेश दिया था। कोर्ट ने एसबीआई को अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बांड का विवरण 6 मार्च तक भारत के चुनाव आयोग को उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशन के लिए प्रस्तुत करने को कहा था।