हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में महिलाओं में बढ़ रहे स्तन कैंसर की शीघ्र जांच और पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मेदांता फाउंडेशन द्वारा शुरू किए जा रहे ‘सवेरा’ कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि यह अद्भुत कार्यक्रम देश में पहली बार शुरू हो रहा है और इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं में स्तन कैंसर का शुरूआती स्तर पर ही पता लगाया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम की सफलता के उपरांत इसे राज्य के अन्य जिलों में भी विस्तारित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को गुरुग्राम में महिलाओं में बढ़ रहे स्तन कैंसर की शीघ्र जांच और पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मेदांता फाउंडेशन द्वारा शुरू किए जा रहे ‘सवेरा’ कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मेदांता फाउंडेशन द्वारा सवेरा कार्यक्रम की अनूठी शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम को पहले चरण में गुरुग्राम के सेक्टर-10 के सिविल अस्पताल, सेक्टर-31 के पॉलीक्लिनिक और वजीराबाद के प्राथमिक सामुदायिक केंद्र में संचालित किया जाएगा। इस कार्यक्रम/अभियान के विस्तार के लिए जल्द ही स्वास्थ्य विभाग और मेदाता फाउंडेशन के बीच एक समझौता भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंसर एक ऐसा रोग है जिसकी पहचान देर से होती है जिसके अंतर्गत कभी स्टेज-2, स्टेज-3 और कभी-कभी स्टेज-4 तक कैंसर की पहचान की होती है और यह शरीर के अलग-अलग हिस्सों में अपना प्रभाव डालता है। इसी प्रकार, स्तन कैंसर भी उनमें से एक कैंसर है जोकि ज्यादातर शहरों में रहने वाली महिलाओं में पनपता है। उन्होंने कहा कि देशभर में लगभग 90 हजार महिलाएं स्तन कैंसर के कारण प्रतिवर्ष अपनी जान गंवा देती हैं। लेकिन आज यहां शुरू किए गए ‘सवेरा’ कार्यक्रम के अंतर्गत स्तन कैंसर की जांच के लिए नेत्रहीन महिलाओं / बहनों की सहायता ली जाएगी, जोकि बहुत ही सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेशक ‘सवेरा’ कार्यक्रम को संचालित करने में नेत्रहीन /दिव्यांग बहनों की मदद ली जा रही है जिनमें कुछ न्यूनता है परतु इसके साथ-साथ इन दिव्यांग बहनों में कुछ अद्भुत गुण भी होते हैं जिसके तहत ये बहनें अपनी अत्याधिक विकसित स्पर्श इंद्रियों की मदद से स्तन कैंसर का परीक्षण करेगी। उन्होंने उपस्थित लोगों को इस संबंध में उदाहरण देते हुए कहा कि फरीदाबाद के गांव सिहीं में जन्में सूरदास भले ही दृष्टिहीन थे परतु वे बहुत ही बड़े कवि हुए और उन्होंने समाज को दर्शन देने का काम किया तथा दिव्यांगता उनके कभी भी आड़े नहीं आई।उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधित व्यक्तियों में नैसर्गिक स्पर्श संवेदनशीलता क्षमता होती है। इस क्षमता के महत्व को मेडिकल जगत से जुड़े लोगों ने समझा, परखा और उसका उपयोग भी किया है। जैसा कि उन्हें बताया गया कि आधा सेंटीमीटर तक दृष्टिबाधित बहनें स्तन कैंसर के बारे में पहचान कर सकती है जबकि सामान्य डॉक्टर भी एक सेंटीमीटर तक इसकी पहचान परीक्षण के बाद कर सकता है। इन बहनों में स्पर्श की संवेदनशीलता की क्षमता बहुत ही अधिक है।
मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा कैंसर की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों के अंतर्गत जानकारी साझा करते हुए बताया कि जिला झज्जर में नेशनल कैंसर संस्थान- एम्स को स्थापित किया गया है जिसमें 1000 बिस्तर है। इसी प्रकार, उन्होंने बताया कि अंबाला जिला में कैंसर के मरीजों के उपचार के लिए अटल कैंसर केयर सेंटर स्थापित किया गया है और पीजीआईएमएम, रोहतक में कैंसर का उपचार किया जाता है तथा इस पर शोध भी किया जा रहा है। कैंसर की उत्पति के सबंध में उन्होंने कहा कि कई बार कैंसर की उत्पति हमारे खानपान की कमी, भूमि के कैमिकलयुक्त जल के कारण और खेती में प्रयोग होने वाले उर्वरकों के कारण भी होती है। उन्होंने बताया कि बठिंडा से बीकानेर के बीच चलने वाले एक रेलगाड़ी को तो कैंसर ट्रेन का नाम दिया गया है। इसलिए हमें अपने खानपान को ठीक रखना चाहिए, स्वच्छ जल का प्रयोग और प्राकृतिक खेती को अपनाना चाहिए। हालांकि वर्तमान राज्य सरकार प्राकृतिक खेती और स्वच्छ जल मुहैया करवाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है। उन्होंने कैंसर रोग से जुड़े हुए विशेषज्ञों का आह्वान करते हुए कहा कि कैंसर की रोकथाम के लिए हरियाणा सरकार हमेशा उनके द्वारा दिए गए सुझावों और सहयोग के लिए तैयार रहेगी।