चंडीगढ़ : भारतीय चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव के दौरान पेन बदलने और इसके चलते 12 वोट रद्द होने के मामले में हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी व जालसाजी का मामला दर्ज करवाए जाने के आदेश दिए हैं। इसमे कहा गया है कि इस मामले में जनप्रतिनिधि कानून व भारतीय दंड सहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करवाई जाए ताकि चुनाव प्रकिया दौरान डियूटी पर तैनात व अन्य लोगों जो कथित तौर पर पैन बदलने के लिए जिम्मेदार हैं, उनकी पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सके। चुनाव आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव को भी चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी व विधानसभा सचिव आरके नांदल के खिलाफ इस मामले में डियूटी में गम्भीर कोताही बरतने और उनके सुपरवाईजरी कंट्रोल मे कमी के चलते अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है। चुनाव आयोग ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी ने वोटों की गिनती शुरू करवाने की इजाजत लेने से पहले आयोग से तथ्य छुपाए और अपनी रिपोर्ट में भी चुनाव प्रक्रिया के दौरान एक अन्य पैन मिलने जैसे गम्भीर मामले का उल्लेख तक नहीं किया।
चौधरी अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाए जाने की मांग करते हुए पत्र लिखा था और अब आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आपराधिक मामला दर्ज करवाए जाने की हिदायत दी है। इनेलो नेता ने कहा कि रास चुनाव के षडयंत्र में कांग्रेस व भाजपा की मिलीभुगत से प्रजातंत्र का गला घोंटा गया और प्रदेश कलंकित हुआ। आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा कि रास चुनाव के लिए जारी किए गए पत्र में कहा गया था कि निर्वाचन अधिकारी मतदाताओं को मतपत्र के साथ बैंगनी रंग की स्याही वाला पैन उपलब्ध करवाएगा और उसी पेन से मतपत्र पर निशान लगाया जाएगा। लेकिन चुनाव के दिन रिटर्निंग अधिकारी ने आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए मतपत्र के साथ बैंगनी स्याही वाला पैन देने की बजाय उस पैन को एक डोर के साथ बांधकर वोटिंग वाले हिस्से में रखवा दिया। ये सीधा-सीधा चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों की जानबूझकर उल्लंघना करने का मामला है। इस बारे में आयोग ने 18 अगस्त को निर्वाचन अधिकारी से जवाब मांगा था कि उन्होंने अपने स्तर पर चुनाव प्रक्रिया को क्यूं बदला? लेकिन निर्वाचन अधिकारी द्वारा इस बारे में 22 अगस्त को दिए गए जवाब में इस मुद्दे को स्पष्ट नहीं किया गया।
आयोग ने यह भी कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में निर्वाचन अधिकारी के 30 जून को सीईओ को लिखे पत्र में कहा है कि जब चुनाव प्रक्रिया चल रही थी तो क्रम संख्या 10 पर वोट डालने आए विधायक सुभाष बराला ने कहा कि वोटिंग वाले हिस्से में एक पैन डोर के साथ बंधा हुआ है और एक अन्य बालपैन और रखा हुआ है जो कि निर्वाचन अधिकारी व सहायक निर्वाचन अधिकारी द्वारा वहां रखे गए बालपैन को वहां से हटा दिया गया और मतदाताओं से कहा गया कि बैंगनी रंग के पैन से ही मतपत्रों पर निशान लगाए जाएं जो कि वहां पर बंधा हुआ है। यह बात वीडियोग्राफी को गहराई से देखने पर भी साफ नजर आती है कि भाजपा विधायक श्रीमती रोहिला रेवड़ी क्रम संख्या 7 पर वोट डालने आई और अपने साथ एक पैन लेकर आई थी। रोहिता रेवड़ी के बाद क्रम संख्या 8 पर भाजपा विधायक श्रीमती कविता जैन और क्रम संख्या 9 पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल वोट डालने आए। उनके बाद वोट डालने आए भाजपा विधायक सुभाष बराला ने वहां एक अन्य पैन होने की बात नोटिस में लाई और उसके बाद वोटिंग वाले हिस्से से वो अतिरिक्त पैन हटा दिया गया और सहायक निर्वाचन अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई कि वे वोटिंग वाले हिस्से की नियमित रूप से निगरानी करें और ये बात वीडियो ग्राफी से भी साफ झलकती है।
चुनाव आयोग ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी ने न तो यह घटना आयोग के नोटिस में लाए और न ही मतदान दिवस की रिपोर्ट के फारमेट में इसका उल्लेख किया और न ही मतगणना की इजाजत मांगते समय आयोग के पास इसका कोई उल्लेख किया गया। यह मामला चुनाव आयोग से तथ्यों को सीधे-सीधे छुपाने का है। चुनाव आयोग ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान परिसर और चुनाव से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए निर्वाचन अधिकारी ओवरऑल प्रभारी होता है। इसलिए आयोग यह मानता है कि निर्वाचन अधिकारी आरके नांदल जो कि हरियाणा विस के सचिव भी हैं, ने अपनी ड्यूटी निभाने में गम्भीर कोताही बरती और ये उनके सुपरवाइजरी नियंत्रण की भी कमजोरी है जिसके चलते मतदान वाले हिस्से में अनधिकृत पैन पाया गया और एक अन्य अनधिकृत कथित पैन का इस्तेमाल हुआ जिसके चलते 12 मतपत्र गिनती के दौरान अलग स्याही के होने से रद्द किए गए। इसलिए आयोग ने चाहा है कि आरके नांदल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य सचिव व सीईओ को लिखे कथित पत्र की प्रतियां भी पत्रकारों को सौंपी।
अभय चौटाला ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर रास चुनाव के नतीजे बदलने का अपराधिक षडय़ंत्र रचने वालों के खिलाफ आयोग की ओर से पुलिस के पास अपराधिक मामला दर्ज करवाए जाने की मांग करते हुए कहा था कि ये मामला सिर्फ एक प्रत्याशी की हार जीत का न होकर उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस का शिकार भारतीय लोकतंत्र व हरियाणा की जनता हुई है जिन्हें अपनी इच्छा अनुसार रास के लिए अपना प्रतिनिधी चुनने के अवसर से वंचित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा था कि इस षडय़ंत्र से न सिर्फ भारतीय लोकतंत्र की साख को क्षति पंहुची है, बल्कि ये भारतीय संविधान पर भी आघात है।