मणिपुर में एक बार फिर उग्रवादियों ने दहशत फैलाने की कोशिश की है। बताया जा रहा है कि तेंगनौपाल जिले के मोरेह कस्बे में संदिग्ध सशस्त्र उग्रवादियों ने घात लगाकर सुरक्षाबलों पर हमला किया। घटना शनिवार दोपहर 3:30 बजे हुई।
आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर घात लगाकर हमला करने के लिए आईईडी और अन्य विस्फोटकों का इस्तेमाल किया। हमले के बाद राज्य सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अज्ञात बंदूकधारियों ने पुलिस कमांडो को ले जा रहे वाहनों को उस समय निशाना बनाया, जब वे मोरेह से की लोकेशन प्वाइंट (केएलपी) की ओर बढ़ रहे थे। एजेंसी ने आगे बताया कि घायल पुलिसकर्मी का 5 असम राइफल्स कैंप में इलाज चल रहा है।
पिछले महीने की शुरुआत में, मणिपुर के कांगपोकपी जिले में अज्ञात हथियारबंद लोगों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के एक जवान और एक नागरिक की मौत हो गई थी। यह हमला हरओथेल और कोब्शा गांवों के बीच हुआ, जहां आईआरबी कर्मियों और उनके ड्राइवर को ले जा रही एक कार पर गोलीबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप मौतें हुईं।
3 मई से जातीय हिंसा की चपेट में मणिपुर
आपको बता दें कि, पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर 3 मई, 2023 से जातीय हिंसा की चपेट में है। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था। हिंसा से पहले कुकी ग्रामीणों को आरक्षित वन भूमि से बेदखल करने को लेकर तनाव था, जिसके कारण कई छोटे आंदोलन हुए थे। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी नागा और कुकी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं। जातीय झड़पों में 180 से अधिक लोगों की जान चली गई ।