कांग्रेस ने 19 दिसंबर को पार्टी के 138वें स्थापना दिवस पर क्राउड फंडिंग के लिए ‘डोनेट फॉर देश’ कैंपेन की शुरुआत की. कैंपेन के मकसद को लेकर पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस को आर्थिक मजबूती देने के लिए इसकी शुरुआत की गई है ऐसे में पार्टी के फंड को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं कि क्या कांग्रेस के पास वाकई में इतने कम पैसे हैं या उसे कॉर्पोरेट फंडिंग नहीं मिल रही है और इसलिए उसे क्राउंडफंडिंग कैंपने चलाने की जरूरत पड़ गई है.
राजनीतिक दलों की कमाई के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कमाई बढ़ी है जबकि कांग्रेस की कमाई में 29 फीसदी की कमी आई है. साल 2014 से कांग्रेस की कमाई 2022 में घटकर 541 करोड़ रुपये रह गई. राजनीतिक दलों की फंडिंग पर नजर रखने वाले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.
6 सालों में कितनी घटी कांग्रेस की कमाई
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014-15 में पॉलिटिकल फंडिंग के रूप में कांग्रेस को 765 करोड़ रुपये मिले, लेकिन अगले तीन सालों में इस कमाई में कमी आई. साल 2017-18 में कांग्रेस को सिर्फ 199 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई और 2019-20 में लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को 998 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई और अगले एक साल में इसमें फिर से कमी आ गई. 2021-22 में कांग्रेस को पॉलिटिकल फंडिंग के जरिए 541 करोड़ रुपये मिले.
6 साल में बीजेपी ने की कितनी कमाई
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014-15 में बीजेपी ने पॉलिटिकल फंडिंग के जरिए 970 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जो 2017-18 में बढ़कर 1027 करोड़ रुपये हो गई. चुनावी साल 2019-20 में यह कमाई तीन गुना बढ़ गई और बीजेपी के अकाउंट में 3,623 करोड़ रुपये आ गए. हालांकि, 2021-22 में इसमें गिरावट आई और यह कमाई 1917 करोड़ रुपये रह गई. इन 6 सालों का औसत निकालें तो बीजेपी को पॉलिटिकल फंडिंग में 2 गुना की बढ़ोतरी हुई है.
संपत्ति के मामले में भी बीजेपी से बहुत पीछे है कांग्रेस
संपत्ति की बात करें तो कांग्रेस काफी पीछे है. साल 2021-22 तक के उपलब्ध डेटा के मुताबिक, बीजेपी की संपत्ति का आंकलन किया जाए तो यह 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बैठती है. वहीं, कांग्रेस की संपत्ति की बात करें तो कांग्रेस के पास महज 805 करोड़ रुपये की संपत्ति है.