हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सरकारी स्कूलों में कम क्यों हो रही है विद्यार्थियों की संख्या
चंडीगढ़, 16 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कहा कि सरकारी स्कूलों में सभी मूलभूत सुविधाएं दी गई है जबकि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में सुविधाओं को लेकर सरकार को खरी खरी सुनाई है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने गलत बयान देकर न केवल विधानसभा को बल्कि हाईकोर्ट को भी गुमराह करने का काम किया है। एक झूठ को छिपाने के लिए सरकार बार-बार झूठ बोले जा रही है जबकि सरकार को अपनी गलती मानते हुए सभी सरकारी स्कूलों में सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए। हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम क्यों होती जा रही है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार अपनी ही योजनाओं को अमली जामा पहनाने के बजाए कागजों का पेट भरने में लगी हुई है यानि गठबंधन सरकार केवल और केवल आंकड़ों का खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि कैथल जिला के गांव बालू के स्कूल के विद्यार्थियों की ओर से मूलभूत सुविधाओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, हाईकोर्ट ने सरकार से शपथ पत्र देकर सुविधाओं की कमी के बारे में जानकारी मांगी थी जिस पर शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया कि 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है 236 में बिजली कनेक्शन नहीं है, 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है और लडकों के 1047 स्कूलों में शौचालय नहीं है। उन्होंने कहा कि एक ओर शिक्षा विभाग शपथ पत्र देकर मान रहा है सरकारी स्कूलों में सुविधाओं की कमी है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री विधानसभा में बयान दे रही है कि सरकारी स्कूलों में सभी सुविधाएं है, सुविधाओं की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस प्रकार का बयान देकर सदन के साथ साथ हाईकोर्ट को भी गुमराह कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सफाई दे रहे है कि स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु एक याचिका में पिछली सुनवाई के दौरान किसी वजह से नया एफिडेविट कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका था जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में 23 नवंबर 2023 अंतरिम आदेश पारित कर दिया जबकि सारी कमियां मई माह में ही पूरी की जा चुकी थी।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की दशा में हाईकोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने सरकार से पूछा है कि चार कमरों के निजी स्कूल में दाखिले के लिए लाइन लगी है जबकि पांच एकड़ के सरकारी स्कूल बच्चों के लिए तरस रहे हैं। इतना ही नहीं कोर्ट ने तो यहां तक कहा है कि कुछ स्कूलों में बिजली बिल भरने के लिए टीचर बच्चों से पैसे एकत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने तो सरकार से पूछा है कि शिक्षकों के 26 हजार पद कब भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार हाईकोर्ट को गुमराह नहीं कर सकती, जो सच है वह सच ही रहेगा। झूठ बोलने से झूठ सच नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार सदन और कोर्ट को गुमराह कर समय पूरा करना चाहती है। शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है और सरकार बच्चों को उन्हें उनके अधिकार से वंचित नहीं कर सकती। सरकार को प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं के प्रति मोह को त्यागकर सभी सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवानी होगी क्योंकि गरीब बच्चों की शिक्षा का सपना सरकारी स्कूलों में साकार किया जा सकता है।
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I :-The statement made by the Chief Minister regarding government schools in the state is completely incorrect:-Kumari Selja
:-The Chief Minister of Haryana is misleading the Assembly and the High Court regarding basic facilities in government schools:- Kumari Selja
:-The deteriorating condition of government schools in the state is the result of the wrong policies of the Alliance Government:- Kumari Selja
:-The Alliance Government is attempting to mislead not only the public but also the High Court now:-Kumari Selja
:-The High Court has questioned the decreasing number of students in schools from the Haryana government:-Kumari Selja
:-The BJP Government has failed in providing basic facilities in government schools:-Kumari Selja
Chandigarh, 16th December
The General Secretary of the All India Congress Committee, former Union Minister, and former State President of the Haryana Congress Committee, Kumari Selja, said that during the winter session of the Legislative Assembly, the Chief Minister stated that all basic facilities have been provided in government schools, while the Punjab-Haryana High Court has reprimanded the government regarding facilities in government schools. In this way, the Chief Minister has not only given a wrong statement to the Assembly but also misled the High Court. The government is repeatedly speaking lies to cover up one lie, whereas, acknowledging its mistake, the government should ensure all basic facilities in all government schools. The High Court has also questioned the government about the decreasing number of students in government schools.
In a statement released to the media, Kumari Selja said that the government is only engaged in fulfilling its own plans through paperwork instead of implementing them on the ground. She said that the alliance government is solely playing with numbers. She said that a case where a petition was filed in the High Court regarding the lack of basic facilities for students in a school in Bala village of Kaithal district. The Education Department admitted in court that there was no provision of drinking water in 131 government schools, no electricity connection in 236 schools, no toilets for girls in 538 schools, and no toilets for boys in 1047 schools. On one hand, the Education Department admitted the lack of facilities in government schools through an affidavit, while on the other hand, the Chief Minister stated in the Assembly that all facilities are available in government schools, denying any deficiency. She criticized the Chief Minister for misleading both the Assembly and the High Court with such statements. The Chief Minister is claiming that due to some reason, a new affidavit couldn’t be presented in court during the previous hearing for providing basic facilities in schools. However, the High Court had passed an interim order on November 23, 2023, even though all deficiencies had been rectified in May. She said that the Justice Vinod S. Bhardwaj of the High Court questioned the government regarding the queue for admissions in private schools having four rooms, while government schools with five acres of land are longing for children. She also pointed out that in some schools, teachers collect money from students to pay electricity bills. Moreover, the High Court asked when the vacant 26,000 teacher positions will be filled. She said that the government cannot mislead the High Court; the truth will remain the truth, lies cannot turn into the truth. She said that it seems the government wants to mislead both the Assembly and the Court to pass the time. Education is a fundamental right of children, and the government cannot deprive them of their rights. The government must prioritize providing basic facilities in all government schools by setting aside its inclination towards private educational institutions because the dream of education for poor children can be realized in government schools.