*प्रेस विज्ञप्ति*
*आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता का बयान*
*खट्टर सरकार ने गन्ने के भाव को लेकर किसानों से किया धोखा : डॉ. सुशील गुप्ता*
*पंजाब के बराबर गन्ने का भाव दे खट्टर सरकार : डॉ सुशील गुप्ता*
*खट्टर सरकार ने पिछले 9 सालों में एक भी किसान हितैषी काम नहीं किया : डॉ सुशील गुप्ता*
*चंडीगढ़, 3 दिसंबर*
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने रविवार को गन्ने के भाव को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार के 9 साल के राज में अब तक किसानों को परेशानी ही झेलनी पड़ी है। किसानों के हितों के लिए एक भी काम नहीं किया गया। खट्टर सरकार के गन्ने के भाव के रेट से हरियाणा के किसान को खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने गन्ने के रेट 391 रुपए प्रति क्विंटल करने का काम किया है।
पंजाब सरकार द्वारा गन्ने के भाव में की गई बढ़ोतरी के बाद अब हरियाणा के किसान भी पंजाब के बराबर गन्ने के भाव की मांग करने लगे हैं। किसान का कहना है कि पिछले कई वर्षों से हरियाणा गन्ना के मूल्य के बारे में देश में प्रथम स्थान पर रहा है, लेकिन पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा की गई इस वृद्धि से हरियाणा के किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों गन्ने के मूल्य में 14 रुपए की वृद्धि की थी, जो किसानों के लिए नाकाफी साबित हुई।हरियाणा के किसानों को 386 गन्ने का भाव मिलेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कहा कि अगली बढ़ोतरी पर रेट 400 रुपए प्रति क्विंटल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब द्वारा घोषित भाव के बाद हरियाणा सरकार को अपने 2023-24 के घोषित भाव पर पुनर्विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इससे पहले डीएपी खाद को लेकर और अब यूरिया को लेकर किसान दर दर भटकने को मजबूर हैं। पूरे प्रदेश में यूरिया की किल्लत है। किसान डिस्ट्रीब्यूशन सेंटरो के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। यूरिया की मांग का एक तिहाई भी उपलब्ध नहीं है। 50 से लेकर 100 रुपए तक ऊपर लेकर यूरिया पर कालाबाजारी चल रही है। किसानों को कहीं भी राहत नहीं मिल रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर हरियाणा के किसानों से नफरत करते हैं और हरियाणा के किसानों के प्रति उनका रवैया बहुत ही निराशाजनक है। उनकी नियत किसानों को फायदा पहुंचाने की नहीं है। किसान आंदोलन के बाद से बीजेपी हरियाणा के किसानों को खत्म कर देना चाहती है। इसलिए किसानों को हरेक सुविधा लेने के लिए जूझना पड़ता है।