सर्वे कंपनी पर प्रदेश सरकार की मेहरबानी, जनता पर पड़ने लगी भारी
प्रॉपर्टी आईडी में प्रत्येक गलती को ठीक कराने की एवज में एक हजार की वसूली बंद हो
आने वाले चुनाव में एक एक पाई का फीस वसूली सरकार से हिसाब लेगी जनता
चंडीगढ़, 14 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि अपने घोटालों को छिपाने में माहिर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने प्रॉपर्टी सर्वे के नाम पर जमकर घोटाला किया। सर्वे करने वाली कंपनी पर सरकार इतनी मेहरबान रही की उसकी गलतियों की एवज में तुरंत टेंडर रद्द करने की बजाए दो गुना से भी अधिक राशि का भुगतान कर दिया। लोग अपनी प्रापर्टी आईडी में गलतियों को लेकर अभी तक परेशान हैं। अब एक-एक गलती को ठीक कराने के लिए एक हजार रुपए की फीस तय कर दी। प्रॉपर्टी आईडी में प्रत्येक गलती को ठीक कराने की एवज में एक हजार की वसूली तुरंत बंद होनी चाहिए। सरकार की गलत नीतियों से परेशान प्रदेश की जनता आने वाले चुनाव में एक एक पाई का हिसाब इस फीस वसूली सरकार से लेकर रहेगी।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि शहरों में प्रॉपर्टी का सर्वे करने का टेंडर गठबंधन सरकार की ओर से जयपुर की निजी कंपनी को दिया गया था। वर्क ऑर्डर के अनुसार कार्य की अनुमानित लागत 18.11 करोड़ रुपए थी, लेकिन कंपनी को 57.55 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। इस कंपनी के पास 80 शहरों में संपत्ति के सर्वे का जिम्मा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री के अनुसार शहरी स्थानीय निकाय विभाग इस कंपनी पर इस कदर मेहरबान था कि सर्वे में 20 फीसदी से अधिक गलतियां होने पर ठेका रद्द करने, जुर्माना लगाने व भुगतान रोकने का प्रावधान था, लेकिन विभाग की ओर से कंपनी के प्रति नरम रुख दिखाया गया। प्रदेश सरकार को बताना चाहिए कि सरकार में शामिल किस व्यक्ति के दबाव में आकर यह पेमेंट की गई। आखिर सरकारी खजाने को किसी कंपनी पर इस तरह से क्यों लुटाया गया।
कुमारी सैलजा ने कहा कि इस कंपनी ने सर्वे में लाखों गलतियां छोड़ी हैं, जिसका खामियाजा शहरों में रहने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। अपनी प्रापर्टी से संबंधित एंट्री में गड़बड़ी को ठीक कराने के लिए लोगों को नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम में रिश्वत देनी पड़ रही है। ऐसे में याशी कंपनी से वसूली करने की बजाए नया फरमान ही प्रदेश सरकार जारी कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से प्रदेश सरकार ने गलती सुधारने की एवज में 1 हजार रुपए फीस जमा कराने का प्रावधान किया है, उससे लोगों पर दोहरी मार पड़ेगी। इन्हें अब नजराने के साथ ही सरकारी फीस का भुगतान भी करना होगा। ऐसे में प्रदेश सरकार को उन अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने गलतियों पर कार्रवाई की बजाए कंपनी पर मेहरबानी दिखाते हुए सरकारी खजाने को हानि पहुंचाई। सरकार की गलत नीतियों से परेशान प्रदेश की जनता आने वाले चुनाव में एक एक पाई का हिसाब इस फीस वसूली सरकार से लेकर रहेगी।
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:-Charging fees to correct errors in property IDs is wrong:- Kumari Selja
:-The public is suffering the consequences of the government’s wrong policies:- Kumari Selja
:-The survey company was favoured by the state government, but the burden fell on the public:-Kumari Selja
:-The collection of a thousand rupees for correcting each mistake in property IDs in the affidavit should be stopped:-
Chandigarh,14th November.
The General Secretary of the All India Congress Committee, former Union Minister and member of the Congress Working Committee, Kumari Selja said that the BJP-JJP Alliance Government in the state, which has achieved mastery in hiding its scams, has committed a big scam in the name of property survey.
The survey company was treated with so much favouritism that instead of cancelling the tender immediately upon noticing its errors, double the amount was paid. People are still troubled by the mistakes in their property IDs and now a fee of one thousand rupees has been set to correct each error. In a statement released to the media, Kumari Selja said that the tender for property surveys in cities was given to a private company in Jaipur by the coalition government. According to the work order, the estimated cost of the work was 18.11 crore rupees, but the company was paid 57.55 crore rupees. This company was responsible for surveying property in 80 cities. According to the former Union Minister, the urban local body department was so kind to this company that there was a provision to cancel the contract, impose a fine and stop payment if there were more than 20 per cent errors in the survey, but the department showed a soft stand towards the company. The state government should explain under whose pressure this payment was made. Finally, why was the state treasury looted in this way by any company? Kumari Selja said that this company left millions of mistakes in the survey, and the people living in the cities are suffering the consequences. To correct errors in their property entries, people have to pay bribes to municipalities, city councils, and municipal corporations. In such a situation, instead of collecting from Yashi Company, the state government is issuing a new order. Kumari Selja said that the provision of charging a fee of one thousand rupees to correct errors in the name of improving errors by the state government will be a double blow to people. Now they will have to pay both the government fee and bear the cost of Yashi Company. In this way, the state government should take action against those officers who caused damage to the state treasury by showing favour to the company instead of taking action on mistakes. Kumari Selja said that due to the BJP government’s oppressive policies and misrule, the minds of the people of the country and the state have been set on change, and in the future, the BJP government will definitely have to pay the price for this.