पोकरण क्षेत्र के सांकड़ा के माधोपुरा निवासी और भारत-पाक की 1971 की लड़ाई में हीरो रहे सूबेदार प्रयागसिंह राठौड़ के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। माधोपुरा निवासी प्रयागसिंह पुत्र जोगराजसिंह राठौड़ भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत थे।
भारत-पाक के बीच 1971 में हुए युद्ध में उन्होंने अपने अदम्य साहस व शौर्य का परिचय दिया था, जिसके लिए उन्हें सम्मान भी मिला था। दो दिन पूर्व हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया था। सोमवार को उनकी अंतिम शव यात्रा निकाली गई, जिसमें क्षेत्र के बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लेकर नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
आपको बता दें कि वर्ष 1971 के युद्ध में जैसलमेर जिले के सीमा से सटे रामगढ़ गांव में पाकिस्तान ने बम बरसाए थे। बमों के धमाकों की गूंज रामगढ़ क्षेत्र से करीब 65 किलोमीटर दूर जैसलमेर जिला मुख्यालय तक तक सुनी गई। युद्ध में भारतीय सेना ने बाड़मेर से लगती सीमा पर आगे बढ़ते हुए पाकिस्तान के अनेक इलाकों को अपने कब्जे में ले लिया था। पाकिस्तान के छाछरा में भारत की तहसील कायम कर दी गई, लेकिन किशनगढ़ बल्ज के रास्ते पाकिस्तान आगे बढ़ता हुआ जैसलमेर जिले के लोंगेवाला गांव तक आ गया। यहां भारतीय वायुसेना ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी टैंकों की कब्रगाह बना दी थी।