कहा- ”मेरा पानी-मेरी विरासत” योजना का प्रचार हरियाणा सरकार ने हजारों करोड़ रुपये बहाए, नतीजा शून्य रहा
धान क्षेत्र को हर साल 2.5 लाख हेक्टेयर जमीन पर काम करने और फसल विविधता के लिए 6 मई 2020 से थाई की योजना शुरू करने के लिए, सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 4 वर्षों में हरियाणा प्रदेश में न तो धान क्षेत्र में कम हुआ और न ही विकल्प के तौर पर कृषि विविधता हो पाई।
मांग – ”मेरा पानी-मेरी विरासत” जैसी अव्यवहारिक और विनाशकारी योजना पर पिछले 4 वर्षों में जो सार्वजनिक धन के हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, उनकी जांच के निष्कर्षों से उच्च न्यायालय की निगरानी में पूछा जाए ताकि प्रदेश की जनता को पता चल सके चल फिर कैसे उनके खून के पत्थरों की कमाई को भाजपा सरकार द्वारा नष्ट कर लूटा जा रहा है
चंडीगढ़, 29 डेवलपर। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह समर्थकों ने ”मेरा पानी-मेरी विरासत” योजना को अव्यवहारिक और बेकार योजना के बारे में बताया और मुख्यमंत्री मनोहरलाल कट्टर ने इसके समर्थकों पर हजारों करोड़ की तबाही का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने यह योजना धान क्षेत्र को हर साल 2.5 लाख हेक्टेयर कमाना और फसल विविधता के लिए 6 मई 2020 से शुरू की थी। ”मेरा पानी-मेरी विरासत” योजना को प्रदेश में लागू करने के लिए भाजपा सरकार ने इसके प्रचार के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए, इस बारे में अखबारों में तेजी से खबरें लगाईं और अव्यवहारिक फसल विविधता जिसमें चना के बजाय धान की खेती शामिल है बोनीज़ को 7,000 रुपये प्रति पाउंड आदि सरकारी प्रोत्साहन की घोषणा की। लेकिन फिर भी इसके सरकारी आँकड़ों के अनुसार पिछले 4 वर्षों में हरियाणा प्रदेश में न तो धान क्षेत्र कम हुआ और न ही वित्तीय विविधता हो पाई। सबसे बड़ी अचंभे की बात यह है कि हजारों करोड़ रुपये टूटने की बात यह है कि हरियाणा में भी धान की कटाई क्षेत्र कम होने के बजाय उलटा बढ़ा है और धान प्रदेश के नए इलाके जैसे कि गन्ना, साहिबाबाद आदि में भी लड़के जाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि ”मेरा पानी-मेरी विरासत” योजना पूरी तरह से विफल साबित हो रही है, लेकिन भाजपा सरकार इस झूठी योजना को बंद करने के बजाय लगातार प्रचार-प्रसार में लगी हुई है।
अभय सिंह ने कहा कि ”मेरा पानी-मेरी विरासत” जैसी विनाशकारी योजना पिछले 4 वर्षों में सार्वजनिक धन के हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। उच्च न्यायालय की निगरानी में निकाली गई जांच से पता चला कि प्रदेश की जनता पता चला कि कैसे उनकी ख़ून की कमाई को भाजपा सरकार द्वारा स्थापित कर लूटा जा रहा है।