ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों का बलिदान देने वाले अग्निवीरों के परिजनों को सरकार से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मिलेगी. न्यूज एजेंसी एएनआई ने रविवार (22 अक्टूबर) को सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी.
यह दावा ऐसे समय किया गया है जब महाराष्ट्र के अग्निवीर गावते अक्षय लक्ष्मण ने रविवार को सियाचिन ग्लेशियर के जोखिम भरे इलाके में ड्यूटी के दौरान बलिदान दे दिया. रविवार देर रात एडीजीपीआई-इंडियन आर्मी के आधिकारिक X हैंडल से आर्थिक सहायता संबंधी जानकारी दी गई.
अग्नीवीर गावते अक्षय लक्ष्मण के बलिदान सेना ने क्या कहा?
एक्स पर पोस्ट के माध्यम से भारतीय सेना ने अग्नीवीर गावते अक्षय लक्ष्मण के बलिदान पर दुख जताया और शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े होने की बात भी कही. पोस्ट में कहा गया, ”अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण ने सियाचिन में कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. दुख की इस घड़ी में भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है.”
#Agniveer (Operator) Gawate Akshay Laxman laid down his life in the line of duty in #Siachen. #IndianArmy stands firm with the bereaved family in this hour of grief.
In view of conflicting messages on social media regarding financial assistance to the Next of Kin of the… pic.twitter.com/46SVfMbcjl
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) October 22, 2023
सेना ने बताया अग्निवीर को परिजनों को कितनी दी जाएगी राशि
पोस्ट में कहा गया, ”मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिए जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर परस्पर विरोधी संदेशों को देखते हुए यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि परिवार को मिलने वाली परिलब्धियां (मुआवजा) सैनिक की सेवा की प्रासंगिक शर्तों और नियमों के तहत होंगी.
पोस्ट में कहा गया, ”अग्निवीरों की नियुक्ति की शर्तों के अनुसार, डिसीज्ड बैटल कैजुअल्टी के लिए ऑथराइज्ड मुआवजे में जो शामिल किया जाएगा, उसमें गैर अंशदायी बीमा राशि (48 लाख रुपये), सेवा निधि में अग्निवीर (30 फीसदी) का योगदान, सरकार की ओर से समान योगदान और उस पर ब्याज, 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल का भुगतान (तत्काल मामले में ₹13 लाख से ज्यादा), सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से 8 लाख रुपये का योगदान और AWWA की ओर से तत्काल 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता शामिल है.