जयपुर।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की एक फेक सूची ने सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक में हड़कंप मचा डाला। ये सूची भाजपा की दूसरी अधिकृत सूची के नाम से खूब वायरल हुई। इसमें शामिल प्रत्याशियों के नाम देखकर कोई हैरान हुआ तो कोई परेशान, कोई खुश हुआ तो कोई मायूस। लेकिन जब बाद में इस सूची के फेक होने जानकारी सामने आई तब जाकर सभी की सांस में सांस आई।
9 नामों की ‘फेक’ सूची
सोशल मीडिया पर आग की तरह फैली भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी ‘फेक’ सूची में कुल 9 नाम शामिल रहे। इनमें सीकर सीट से आशीष तिवाड़ी, शाहपुरा सीट से मनीष यादव, चौमूं सीट से रामलाल शर्मा, जयपुर के सिविल लाइंस सीट से रेखा राठौड़, जयपुर की सांगानेर सीट से डॉ अरुण चतुर्वेदी, बगरू सीट से कांता सोनवाल, डीडवाना सीट से ओमदास जी, सीएम अशोक गहलोत की सरदारपुरा सीट से गजेंद्र सिंह शेखावत और शिव सीट से रविंद्र सिंह भाटी के नाम शामिल रहे।
हू-ब-हू कॉपी, सील, हस्ताक्षर !
वायरल हुई भाजपा की फेक सूची में कई हैरान करने वाली बातें रहीं। दरअसल, इसका ज़्यादातर हिस्सा हालिया जारी हुई पहली ‘अधिकृत’ सूची से हू-ब-हू मिलता-जुलता रहा। इसमें इसके टेक्स्ट से लेकर आखिर में लिस्ट जारीकर्ता के हस्ताक्षर और सील तक एक जैसा ही नज़र आया। लिस्ट के आखिर में राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के हस्ताक्षर और सील लगा होना भी सामने आया।
भाजपा को जारी करना पड़ा अलर्ट
प्रत्याशियों की दूसरी सूची के नाम से फेक सूची इतनी ज़बरदस्त तरह से वायरल हुई कि प्रदेश भाजपा को इस बारे में बाकायदा अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अलर्ट सन्देश जारी करना पड़ा। पार्टी ने एक पोस्ट में इस फेक सूची की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘Fake List Alert ! भाजपा के प्रत्याशियों की दूसरी सूची की प्रतीक्षा अभी जारी रखिए। माना हमारे जिताऊ कैंडिडेट्स की प्रतीक्षा पूरा राजस्थान कर रहा है। लेकिन हमको नक्कालों से सावधान रहना है।’
सावधान! पुराने पोस्ट-वीडियो हो रहे वायरल
चुनावी सरगर्मियों के बीच इन दिनों कई पुराने फोटो, वीडियो, अखबारों की कटिंग्स को ताज़ा बताते हुए वायरल करने का सिलसिला गति पकड़ रहा है। ज़ाहिर है इसके पीछे मंशा सही नहीं है। ऐसे में ज़रुरत है ऐसे पोस्ट की सत्यता जानना। फेक पोस्ट को बगैर सोचे-समझे फॉरवर्ड करके वायरल करने वाले भी इस दोष में शामिल माने जाते हैं।
पिछले चुनावों में भी आई थी फेक न्यूज़ की बाढ़
ये कोई पहली बार नहीं है जब फेक न्यूज़ या फेक पोस्ट ने सोशल मीडिया पर खलबली मचाई है। पूर्व में हुए विधानसभा चुनावों में भी फेक पोस्ट का बोलबाला रहा था, जिसे लेकर गफलत से लेकर हड़कंप की स्थिति तक बनी थी।