NDA Alliance: कल BJP नेतृत्व वाली NDA गठबंधन को आंध्रप्रदेश से तगड़ा झटका लगा था। आंध्र प्रदेश में NDA की सहयोगी JSP ने BJP का साथ छोड़ चंद्रबाबू नायडू की TDP के साथ जाने का फैसला किया था। लेकिन अब खबर आ रही है कि अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण की पार्टी NDA के साथ बनी हुई है।
NDA Alliance: कल बीजेपी नेतृत्व वाली NDA गठबंधन के लिए दक्षिण भारत से बुरी खबर आई थी। जब पता चला था कि अभिनेता से राजनेता बने पवन कल्याण की पार्टी JSP ने NDA गठबंधन से अपने आप को अलग कर लिया है। हर जगह खबर चलने लगी थी कि एक ओर विपक्षी पार्टियों द्वारा बनाई गई इंडिया अलायन्स अभी एकजुट नजर आ रही है तो दूसरी ओर BJP नेतृत्व वाली NDA से कुछ दिनों के भीतर ही दो पार्टियों ने नाता तोड़ लिया है। क्या बीजेपी अपने सहयोगियों को साथ नहीं रख पा रही है? क्या इस गठबंधन में सिर्फ एक पार्टी की ही मोनोपोली चलती है? क्योंकि 25 सितंबर को NDA में शामिल AIADMK ने भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया था। लेकिन अब खबर आ रही है कि पवन कल्याण की पार्टी ने NDA का साथ नहीं छोड़ा है। पार्टी के प्रवक्ता ने इस बारे में बयान जारी कर सभी कयासों पर विराम लगा दिया है।
क्या बोले JSP के प्रवक्ता
NDA के अलग होने के सवाल पर जवाब देते हुए जन सेना के प्रवक्ता बोलिसेट्टी सत्यनारायण ने कहा, “पार्टी प्रमुख पवन कल्याण कल एक बैठक में जो कहा, उस पर मैं स्पष्टीकरण देना चाहता हूं। पवन कल्याण ने ये नहीं कहा कि वह एनडीए से बाहर हैं। हम एनडीए के साथ हैं, और हम टीडीपी के साथ भी रहने वाले हैं।” प्रवक्ता बोलिसेट्टी के अनुसार, पवन ने कहा था, “मैं NDA में हूं लेकिन मैं TDP के बारे में बात कर रहा हूं।” उन्होंने कहा, हम इस राज्य में TDP के साथ भी रहने वाले हैं क्योंकि YSRCP को आंध्र प्रदेश की सत्ता से बाहर करने के लिए हमें उनके अनुभव की जरूरत है।
पवन ने क्या कहा था?
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पेडाना में अपनी वाराही यात्रा के हिस्से के रूप में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि वह कठिन समय में टीडीपी का समर्थन करने के लिए NDA से बाहर आए हैं। उन्होंने कथित कौशल विकास घोटाले में टीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा, “मुश्किलों के बावजूद हम एनडीए में शामिल हुए थे। अब हम सामने आए हैं और टीडीपी को 100 प्रतिशत समर्थन दिया है क्योंकि यह कठिन समय से गुजर रही है।”
पछतावा करने से कोई फायदा नहीं
पवन कल्याण ने पहले कहा था कि वह जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए बीजेपी के रोड मैप का इंतजार कर रहे हैं। जाहिर तौर पर यह महसूस करते हुए कि बीजेपी दोबारा टीडीपी से हाथ मिलाने को तैयार नहीं है, पवन कल्याण ने टीडीपी के साथ जाने का फैसला लिया।
अभिनेता ने कहा कि 2021 में उन्होंने YSRCP को सत्ता से बाहर करने के लिए वोटों के विभाजन से बचने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ आने का फैसला लिया। जन सेना नेता ने याद किया कि 2014 में उन्होंने आंध्र प्रदेश के सुनहरे भविष्य के लिए नरेंद्र मोदी और चंद्रबाबू नायडू को समर्थन दिया था। लगभग 10 वर्ष बीत गये लेकिन दुर्भाग्यवश यह लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। अतीत में जो हुआ उस पर पछतावा करने से कोई फायदा नहीं है।”