चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने भारतीय चिकित्सा परिषद् (काउंसिल), हरियाणा का पुनर्गठन करते हुए जगाधरी के डॉ. ऋषिराज वशिष्ठ को कौंसिल का चेयरमैन मनोनित किया है। इसके अलावा, सरकार ने दो अन्य गैर-सरकारी सदस्यों का भी मनोनयन किया है।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने जानकारी देते हुए बताया कि काउंसिल को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। उन्होंने कहा कि काउंसिल के कुल 11 सदस्य हैं, जिनमें से 7 सदस्य चुनावी प्रक्रिया द्वारा तथा 4 सदस्यों को सरकार द्वारा मनोनित किया जाता है। नये सदस्यों में चेयरमैन के अलावा अम्बाला कैंट के डॉ. दिनेश गर्ग व करनाल के डॉ. मनोज को परिषद का गैर सरकारी सदस्य मनोनित किया गया है। इसके अलावा एक आयुष विभाग के निदेशक तथा पं. भगवत दयाल शर्मा स्नातकोतर आर्युविज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के डीन काउंसिल के पदेन सदस्य होते हैं।
श्री विज ने बताया कि इससे पहले 7 सदस्यों का चयन चुनावी प्रक्रिया द्वारा किया गया है। इनमें भिवानी के देवेन्द्र बोहर, फतेहाबाद के जितेन्द्र, सोनीपत के सतेन्द्र खत्री, यमुनानगर के प्रवीण छाबड़ा, सोनीपत के करतार सिंह, जीन्द से निर्मला देवी तथा युनानी मेडिसन से संबंधित फरीदाबाद निवासी हूमाखां कौंसिल के सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में करीब 8157 चिकित्सक, काउंसिल के तहत पंजीकृत है, जोकि हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी एवं निजी तौर पर सेवारत हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के सभी 21 जिलों के नागरिक अस्पतालों में आयुष विंग स्थापित की गई है तथा 92 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुष ओपीडी व 100 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुष केन्द्र चल रहे हैं।
श्री विज ने बताया कि आयुष विभाग द्वारा पंचकूला में भारतीय चिकित्सा एवं अनुसंधान प्रणाली केन्द्र स्थापित किया गया है। इसके अलावा, कुरूक्षेत्र में श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक कॉलेज में 100 बिस्तरों को आयुर्वेदिक अस्पताल, भिवानी में 25 बिस्तरों का अस्पताल, 10 बिस्तरों का आयुर्वेदिक अस्पताल इमलोटा भिवानी तथा 10 बिस्तरों को युनानी अस्पताल पलवल में स्थापित हैं। इसी प्रकार प्रदेश में 6 आयुर्वेदिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 458 औषधालय तथा 18 युनानी औषधालय कार्य कर रहे हैं।