Boycott tv anchor list: 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बने विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन की तरफ से 14 न्यूज एंकर्स का बायकॉट करने के बाद इस मुद्दे को लेकर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा इस मुद्दे पर लगातार कांग्रेस को घेरने में जुटी है और इसकी तुलना इमरजेंसी से कर रही है।
वहीं, अब कांग्रेस ने भी सामने आकर इस मामले पर जवाब दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि ये कोई बायकॉट या बैन नहीं है, बल्कि एक असहयोग आंदोलन है, जो नफरत फैलाने वाले न्यूज एंकर्स के खिलाफ शुरू किया गया है।
पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ‘हमने किसी को बैन नहीं किया है, किसी का बायकॉट नहीं किया है और ना ही किसी को ब्लैकलिस्ट किया है। ये एक असहयोग आंदोलन है। हम ऐसे किसी न्यूज एंकर का सहयोग नहीं करेंगे, जो समाज में नफरत फैला रहा है। ये लोग हमारे दुश्मन नहीं हैं, लेकिन अगर उन्हें आजादी है अपनी बात कहने की, तो हमें भी आजादी है कि हम ऐसी बातों का हिस्सा बनने से मना करें, जो समाज को बांट रही हैं। और, कुछ भी स्थाई नहीं है, कल को अगर उन्हें लगता है कि जो कुछ वो कर रहे हैं, वो देश के लिए अच्छा नहीं है, तो हम फिर से उनके शो में शामिल होना शुरू कर देंगे।’
कौन कौन से एंकर हुए बैन? आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन की तरफ से जिन न्यूज एंकर्स का बायकॉट किया गया है, उनमें अमन चोपड़ा, प्राची पराशर, रूबिका लियाकत, चित्रा त्रिपाठी, सुधीर चौधरी, अमीश देवगन, अर्नब गोस्वामी, नाविका कुमार, आनंद नरसिम्हन, गौरव सावंत, अदिति त्यागी, सुशांत सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव और शिव अरूर का नाम शामिल है।
1975 में भी देश ने यही देखा था: हिमंत बिस्वा सरमा इंडिया गठबंधन के इस कदम पर भाजपा ने भी हमला बोला और इमरजेंसी के दिनों को याद किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा, ‘मीडिया का बायकॉट और सेंसरशिप कोई नई बात नहीं है, इससे पहले 1975 में देश ये सब देख चुका है। ये आप लोगों के लिए एक रिहर्सल है। अगर किसी वजह से कांग्रेस सत्ता में आ गई, तो मीडिया को सेंसर किया जाएगा।’