राज्यसभा चुनाव धांधली की साजिश को इनेलो नेताओं व आनंद ने चुनाव आयोग के समक्ष किया उजागर
साजिश सिर्फ आनंद के खिलाफ नहीं बल्कि चुनाव आयोग व देश की लोकतांत्रिक प्रणाली के भी खिलाफ है
चंडीगढ़ : राज्यसभा चुनाव में हुई धांधली को लेकर इनेलो की शिकायत पर चुनाव आयोग द्वारा आज हुई सुनवाई दौरान इनेलो नेताओं ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये जो साजिश हुई है ये साजिश केवलमात्र आरके आनंद खिलाफ ही नहीं बल्कि सीधे सीधे चुनाव आयोग के खिलाफ साजिश की गई है। आज चुनाव आयोग द्वारा की गई सुनवाई में इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोडा, पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा व इनेलो समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी रहे आरके आनंद ने भी हिस्सा लिया और परत-दर-परत पूरी साजिश का खुलासा किया। इनेलो नेताओं ने कहा कि यह साजिश देश के प्रजातांत्रिक प्रणाली पर भी सवालिया निशान है और आरओ नियुक्त करने से लेकर पूरी चुनावी प्रक्रिया चुनाव आयोग की देखरेख में होती है, इसलिए ना सिर्फ इस साजिश को बेनकाब किया जाए बल्कि चुनाव को रद् किया जाए।
आरके आनंद ने खुलासा किया कि किस तरह से पूरी साजिश रची गई और आरओ आरके नांदल और एआरओ सुभाष शर्मा की इस चुनावी प्रक्रिया के दौरान सुभाष चंद्रा के चुनाव एजेंट वीरेंद्र मोहन के साथ करीब सौ बार से भी ज्यादा मोबाइल फोन, लैंडलाइन व घर के फोन से विस्तृत बातचीत हुई और पूरी साजिश को चुनावी अमले के साथ मिलीभगत कर अंजाम दिया गया। इनेलो नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक विधायक को मतपत्र व पेन देने की जिम्मेवारी आरओ की होती है और दोनों चीजें एक साथ दी जाती हैं, लेकिन आरओ ने बेलेट पेपर के साथ में पैन नहीं दिया बल्कि पैन वहां रखवा दिया ताकि इसकी आड में पूरी साजिश को अंजाम दिया जा सके। पहले असीम गोयल ने असली पैन उठाकर वहां दूसरी स्याही वाला पैन रखने का काम किया और बाद में जयप्रकाश ने असीम गोयल द्वारा रखा गया पैन उठाकर फिर से पहले वाला पैन रख दिया जिसके चलते असीम गोयल व जयप्रकाश के बीच में पड़े कुल 13 मत अलग स्याही से होने के नाम पर रद् कर दिये गए।
आरके आनंद के चुनाव एजेंट रहे व पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा ने कहा कि जब शुरूआती दस वोटों के दौरान ही एक और पैन मिलने की बात सामने आ गई थी, तो उसका उल्लेख चुनावी प्रक्रिया के दस्तावेजों में क्यों नहीं किया गया और बाद में वे पैन कहां गया, इस बात का भी चुनाव अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इनेलो नेताओं ने कहा कि यह पूरी साजिश प्रजातंत्र पर एक काला धब्बा है क्योंकि आज तक किसी भी चुनावी प्रक्रिया के दौरान एक-डेढ़ प्रतिशत से ज्यादा वोट रद् नहीं हुए और इस चुनाव में जहां वोट डालने वाले विधायक कईं-कईं बार चुनाव जीतने के अलावा सांसद, विधायक, मंत्री, स्पीकर व मुख्यमंत्री जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं, तो उनके पंद्रह फीसदी वोट रद् होना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। इनेलो नेताओं ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान जय प्रकाश का यह कहना है कि पैन बदला गया है और भाजपा समर्थित प्रत्याशी सुभाष चंद्रा द्वारा मोबाइल फोन की बैटरी की रोशनी से एक एक वोट की स्याही को देखना अपने आप में सवाल खड़े करता है कि सुभाष चंद्रा को कैसे पता था कि अलग स्याही वाले पैन का इस्तेमाल हुआ है।
आज सुनवाई के दौरान मतदान की प्रक्रिया का वीडियो फुटेज के भी वे अंश चलाकर दिखाये गए जिसमें असीम गोयल और जयप्रकाश द्वारा मतदान के लिए अन्य विधायकों से कहीं ज्यादा समय लेने के साथ-साथ यह बात भी नजर आती है कि असीम गोयल इतना समय लगाकर जब वापस आते हुए चुनाव अधिकारियों को हाथ जोडक़र अभिवादन करना और सामने से चुनाव अधिकारी का गर्दन हिलाकर जवाबी इशारा करना दोनो के बीच इशारों में एक तरह से ये बात कही गई है कि पैन बदलने वाला काम हो गया है।
आरके आनंद व इनेलो नेताओं ने कहा कि इस पूरे षडयंत्र में सुभाष चंद्रा, असीम गोयल, जयप्रकाश के अलावा चुनावी प्रक्रिया से जुड़े हुए अधिकारी भी शामिल हैं। आरके आानंद व इनेलो नेताओं के द्वारा उठाये सवालों पर चुनाव अधिकारियों द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिये जाने पर इन सभी आरोपों की अपने आप पुष्टि होते हुए नजर आती है। इनेलो नेताओं ने कहा कि आरके आनंद के पक्ष में मतदान करने वाले इनेलो के 18 वकांग्रेस के दस विधायकों सहित कुल 28 विधायक अब तक अपने शपथ पत्र उन्हें सौंप चुके हैं। आरके आनंद व इनेलो नेताओं ने इस पूरे षडयंत्र और धांधली को लेकर अन्य तथ्य भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष रखे और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता व लोगों का भरोसा चुनावी प्रक्रिया में कायम रखने के लिए इस चुनाव को तुरंत रद् किये जाने की मांग की।