बीमा कंपनियों के हितों की रक्षा करती आ रही है गठबंधन सरकार
किसानों को अब जोरदार झटका, कंपनियां बीमा करने को तैयार नहीं
चंडीगढ़, 11 सितंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश का किसान आज स्वयं को ठगा महसूस कर रहा है, स्वयं को किसान हितेषी होने का दावा करने वाली प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार किसानों का ही सबसे ज्यादा शोषण और उत्पीड़न कर रही है। प्रीमियम भरने के बाद किसान को मुआवजे के लिए भटकना पड़ता है, क्योंकि सरकार को किसानों से ज्यादा बीमा कंपनियों के हितों की चिंता है। सरकार के संरक्षण में मोटी कमाई करने वाली कंपनियों ने अब प्रदेश के सात जिलों में फसलों का बीमा करने से इंकार कर दिया है और बैंकों को कहा गया कि किसानों के खाते से काटी गई प्रीमियम की राशि किसानों के खाते में वापस डाल दी जाए। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार कैसे स्वयं को किसानों के हितों की रक्षक कह सकती है।
मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा गठबंधन सरकार की लापरवाही से प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना दम तोड़ रही है। हिसार, अंबाला, गुरुग्राम, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़ और सोनीपत में किसानों की फसलों का अब बीमा नहीं होगा क्योंकि किसी कंपनी ने इस बार इन जिलों का टेंडर नहीं लिया है। फसल बीमा योजना-2023 खरीफ पीएमएफबीआई के जिन किसानों के खाते से बीमे के प्रीमियम की राशि काटी थी उसे वापस खातों में डालने का नोटिस जारी कर दिया गया है। इस बारे में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सलाहकार की ओर से स्टेट लेबल बैंकर कमेटी को भी पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के संरक्षण में बीमा कंपनियों ने जमकर कमाई की। प्रीमियम जमा करने के बावजूद किसान फसलों का मुआवजा हासिल करने के लिए भटकता रहा, इतना ही नहीं किसानों को धरना, प्रदर्शन और भूख हड़ताल तक करनी पड़ी। सिरसा जिला के गांव नारायण खेड़ा में किसान कई दिन तक पानी की टंकी पर बैठे रहे।
उन्होंने कहा कि किसानों की मदद के नाम पर लाई गई रिलायंस समेत अन्य कंपनियों ने करीब 55 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई की। जब किसानों को इन कंपनियों की नीतियां और सरकार के साथ उनकी मिलीभगत समझ में आने लगी तो अब कंपनियां फसलों का बीमा करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब भी किसानों पर संकट आता है तो सरकार और बीमा कंपनियां किसी ने किसी बहाने से अपने कदम पीछे खींच लेती है। बरसात न होने से किसानों की फसल सूख रही है तो कही गुलाबी सुंडी के कारण फसल पूरी तरह खराब हो गई है। ऐसे हालात में सरकार ने किसानों के बीमा का प्रीमियम वापस देने का नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि जब फसल बीमा योजना लागू की गई थी तक सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी-बड़ी फोटो लगाकर इसका खूब प्रचार किया था। अब दुखी किसान पीएम से एक ही सवाल कर रहा है कि इतना होने के बावजूद पीएम मौन क्यों है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ विश्वासघात करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।