देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ किए जाने की चर्चा के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और इंडिया एलायंस की नेता ममता बनर्जी ने बड़ी हैरानी जताई है। उन्होंने सवाल किया है कि ऐसा क्या हो गया कि देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ रखने की जरूरत पड़ गई है?
गौरतलब है कि अभी तक देश का नाम इंडिया हटाकर सिर्फ भारत रखे जाने की कोई आधिकारी जानकारी नहीं है। सिर्फ जी20 शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति भवन से जारी निमंत्रण पत्र को ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम से जारी करने को लेकर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है और सत्ता पक्ष विपक्ष को घेरने की कोशिशों में जुट चुका है।
मैंने सुना है कि इंडिया का नाम बदला जा रहा है-ममता
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा है कि दुनिया देश को इंडिया के नाम से जानती है। उन्होंने ताजा विवाद के बारे में कहा है, ‘मैंने सुना है कि इंडिया का नाम बदला जा रहा है। माननीय राष्ट्रपति के नाम से जो जी20 (G20) का निमंत्रण भेजा गया, उस पर भारत लिखा हुआ है।’
‘अचानक क्या हो गया कि देश का नाम बदलने की जरूरत पड़ गई?’
उन्होंने कोलकाता में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान सवाल किया कि, ‘हम देश को भारत कहते हैं, इसमें नया क्या है? अंग्रेजी में हम इंडिया कहते हैं……कुछ भी नया नहीं होना है। विश्व हमें इंडिया के नाम से जानता है। अचानक क्या हो गया कि देश का नाम बदलने की जरूरत पड़ गई?’
‘देश में इतिहास फिर से लिखा जा रहा है’
पश्चिम बंगाल की सीएम ने आरोप लगाया कि ‘देश में इतिहास फिर से लिखा जा रहा है।’ हालांकि, देश के नाम में से इंडिया को हटाकर सिर्फ भारत किए जाने को लेकर सरकार की ओर से अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है, सिर्फ राष्ट्रपति भवन से जारी निमंत्रण पत्र की वजह से ही राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
गौरतलब है कि 9 और 10 सितंबर को भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) हो रहा है। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दुनिया भर के देशों से राष्ट्राध्यक्ष भारत पहुंच रहे हैं; और उसी से संबंधित डिनर के लिए यह निमंत्रण पत्र राष्ट्रपति भवन से जारी किया गया है।
देश का नाम बदलने का अधिकार किसी को नहीं-पवार
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सवाल खड़ा किया ही है, उधर एनसीपी संस्थापक शरद पवार का दावा है कि देश का नाम बदलने का अधिकार किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया एलायंस में शामिल दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है, जिसमें इस मसले पर चर्चा की जाएगी।
पवार ने महाराष्ट्र के जलगांव में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि ‘मैं नहीं समझता कि सत्ताधारी पार्टी देश से जुड़े एक नाम को लेकर क्यों परेशान है।’ (इनपुट-पीटीआई)