कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी की पार्लियामेंट्री स्ट्रैटजी ग्रुप की बैठक बुलाई है। इस बैठक की अहमियत इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के अगले ही दिन उनकी अगुवाई में यह बैठक होने वाली है।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष को हल्के बुखार के लक्षणों के बाद दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में रविवार को भर्ती कराया गया था। अस्पताल से घर आने के अगले ही दिन उन्होंने संसद में पार्टी की रणनीति को लेकर यह बैठक बुलाई है।
संसद के विशेष सत्र से पहले बैठक
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के इस पार्लियामेंट्री स्ट्रैटजी ग्रुप की बैठक में आने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान उठने वाले सवालों और मुद्दों पर पार्टी की रणनीति तय होगी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अभी तक संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे का खुलासा नहीं किया है, इसलिए कांग्रेस इसको लेकर बहुत ही सतर्क है और काफी सोच-विचार कर अपनी रणनीति तैयार करना चाहती है।
18 सितंबर से बुलाया गया है संसद का विशेष सत्र
पिछले मंगलवार को संसद के पांच दिवसीय विशेष संसद सत्र के बारे में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने इतनी जानकारी दी थी कि यह सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा। X (पहले ट्विटर) पर उन्होंने इस जानकारी के साथ दो तस्वीरें- पुराने संसद भवन और नए संसद भवन की तस्वीरें भी पोस्ट की थीं, जिसका उद्घाटन पिछले 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
इंडिया नहीं, अब भारत मान लें!
अभी तक संसद के विशेष सत्र में जिन मसलों को चर्चा के लिए लाए जाने की अटकलें लग रही थीं, उनमें वन नेशन, वन इलेक्शन, महिला आरक्षण विधेयक जैसे मुद्दे सबसे अहम थे। लेकिन, कांग्रेस की बैठक वाले दिन इसमें एक और मुद्दा शामिल हो गया है। इसके मुताबिक जी 20(G20)शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले वैश्विक नेताओं के लिए राष्ट्रपति भवन से डिनर के लिए जो निमंत्रण पत्र भेजा गया है, उसमें परंपरागत तौर ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा हुआ है।
इंडिया एलायंस का प्रभाव?
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक ऐसे निमंत्रण पत्र की तस्वीर भी शेयर की है। उन्होंने लिखा है,’इंडिया से आगे बढ़ें! यहां भारत गणराज्य है! क्या नाम बदलने पर सभी राज्यों से सलाह ली गई है? इंडिया एलायंस का प्रभाव?’
कांग्रेस ने शुरू किया प्रहार
उधर कांग्रेस की ओर से इन खबरों पर तीखी प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है। पार्टी के महासचिव संचार जयराम रमेश ने X पर पोस्ट करके मोदी सरकार पर निशाना साधना भी शुरू कर दिया है।
इतिहास को विकृत करने और इंडिया को विभाजित करने की कोशिश-कांग्रेस
एक में उन्होंने लिखा है, ‘श्री मोदी इतिहास को विकृत करना और इंडिया को विभाजित करना जारी रख सकते हैं, जो कि भारत है, जो राज्यों का संघ है। लेकिन हम विचलित नहीं होंगे। आखिरकार इंडिया दलों का उद्देश्य क्या है? यह भारत है-सद्भाव, मैत्री, मेल-जोल और विश्वास लाएं। जुड़ेगा भारत। जीतेगा इंडिया!’
अब कांग्रेस पार्लियामेंट्री स्ट्रैटजी ग्रुप में यह मुद्दा प्रमुखता से उठने की संभावना है। इसमें पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से इंडिया गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों को भी विश्वास में लेने की योजना तैयार कर सकती है। क्योंकि, इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहयोगी दलों के सांसदों के साथ भी एक बैठक करने वाले हैं।