PM Modi PTI Interview: जी20 शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में हुई प्रगति की जमकर सराहना की है। उन्होंने इस वैश्विक सम्मेलन से एक हफ्ते हले कहा कि ‘सबका साथ सबका विकास’ वाला मॉडल वैश्विक कल्याण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत की तरह साबित हो सकता है। उन्होंने भारत के बारे में कहा है कि पहले इसे एक अरब भूखे पेटों वाले देश के रूप जाना जाता था, आज दो अरब से अधिक कुशल हाथों वाले देश के तौर पर जाना जाता है।
पीएम मोदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को एक बड़ा इंटरव्यू दिया है, जिसमें कुछ खास मुद्दों पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि दुनिया को ‘जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण’ से ‘मानव-केंद्रित दृष्टिकोण’ की ओर बढ़ना होगा, जिसमें ‘सबका साथ सबका विकास’ वाला मॉडल दिशा दिखाने का काम कर सकता है।
‘जीडीपी का आकार चाहे जो भी हो, प्रत्येक आवाज मायने रखती है’ दिल्ली में पीएम आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर यह इंटरव्यू पिछले हफ्ते के आखिर में लिया गया है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा है कि ‘जीडीपी का आकार चाहे जो भी हो, प्रत्येक आवाज मायने रखती है।’ ऐसे समय में जब पीएम मोदी खुद ही आने वाले वर्षों में देश को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की संभावनाएं जता चुके हैं और जब जी20 देशों के दिग्गज भारत आने वाले हैं, प्रधानमंत्री का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है।
जी20 शिखर सम्मेलन से पहले इंटरव्यू 9 और 10 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, ब्रिटेश के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, सऊदी अरब के सुल्तान मोम्मद बिन सलमान जैसे 19 विकासशील और विकसित देशों और यूरोपियन यूनियन के अन्य नेता नई दिल्ली में नव-निर्मित भारत मंडपम के कॉन्फ्रेंस हॉल में विशेष वार्षिक बैठक के लिए जुट रहे हैं।
पीटीआई के एडिटर इन चीफ विजय जोशी को दिए 80 मिनट के इस इंटरव्यू का फोकस जी20 और इससे जुड़े मुद्दे रहे हैं। इसमें पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत की G20 प्रेसीडेंसी से कई सकारात्मक प्रभाव सामने आ रहे हैं। इनमें से कुछ मेरे हृदय के बहुत ही निकट है।’
‘1 अरब भूखे पेटों वाले से 2 अरब कुशल हाथों तक’
इस दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि काफी समय तक भारत को 1 अरब भूखे पेटों वाले देश के रूप मे जाना जाता था, लेकिन अब 2 अरब से ज्यादा कुशल हाथों वाले राष्ट्र की तरह देखा जाता है।
उन्होंने कहा, ‘लंबे समय तक, भारत को 1 अरब से अधिक भूखे पेटों वाले देश के रूप में समझा जाता था। लेकिन अब, भारत को 1 अरब से अधिक आकांक्षी दिमागों, 2 अरब से अधिक कुशल हाथों और करोड़ों युवाओं वाले राष्ट्र के रूप में देखा जाता है।’
भारत आज वैश्विक चुनौतियों के समाधान का हिस्सा है-पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जो सबसे अधिक पिछड़ों और उपेक्षित लोगों के प्रति दृष्टिकोण अपना रही है, वह वैश्विक स्तर पर भी मार्गदर्शन कर रहा है। वे बोले, ‘भारत की जी20 प्रेसीडेंसी का थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से निकला हुआ एक व्यापक दर्शन है। पहले इसी केवल एक विशाल बाजार के रूप में देखा जाता था, भारत आज वैश्विक चुनौतियों के समाधान का हिस्सा है। भारत की जी20 प्रेसीडिंसी ने तीसरी दुनिया के कथित देशों में भी विश्वास का बीज बो दिया है। ‘
भारत ने पिछले साल दिसंबर में इंडोनेशिया से जी20 की प्रेसीडेसी ली थी और इस साल के अंत में यह इसकी कमान ब्राजील को सौंप देगा।