चण्डीगढ़ : हरियाणा सरकार ने प्रदेश के हित में स्वैच्छिक रूप से अपनी सामाजिक सुरक्षा पेंशन सरेंडर करने वाले व्यक्तियों को गोल्ड प्लेटिड सरेंडर सर्टिफिकेट से सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए ‘गिव इट अप’ शीर्षक से एक अभियान का शुभारम्भ किया जाएगा। इस सरेंडर सर्टिफिकेट पर उनके और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्रीमती कविता जैन के हस्ताक्षर होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां तक कि वर्तमान में पेंशन का लाभ उठाने वाले अपात्र व्यक्तियों को भी सम्मानित किया जाएगा, यदि वे अगस्त, 2016 तक अपनी पेंशन सरेंडर करते हैं तो उनके विरूद्ध कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी। इसके उपरांत, पहली नवम्बर, 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्तूबर जैसे प्रमुख दिवसों पर अपनी पेंशन सरेंडर करने वाले केवल पात्र पेंशनभोगियों को ही सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दोषियों पर अंकुश लगाने के लिए 5 व्यक्तियों या इससे अधिक के बारे में सूचना देने के लिए वितरण एजेंटों सहित किसी भी व्यक्ति को 25,000 रुपये नकद पुरस्कार राशि दी जाएगी और यदि कोई व्यक्ति एक दोषी केे बारे में ठीक सूचना देता है तो उसे 5000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। सूचना देेने वाले व्यक्ति के नाम और विवरण को गोपनीय रखा जाएगा
श्री मनोहर लाल ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) दिशानिर्देशों को अपनाने के लिए स्वीकृति दी गई है। इसके अन्तर्गत लैंडलाइन फोन के मानदण्ड को छोड़ दिया जाएगा, क्योंकि अब अधिकांश घरों में मोबाइल फोन हैं। जिन व्यक्तियों के पास अपने चौपहिया वाहन, चौपहिया वाहन कृषि उपकरण या ट्रैक्टर हैं, 20,000 रुपये प्रतिमास से अधिक की आय वाले घरों के सदस्यों और 165 लीटर से अधिक क्षमता का रैफ्रिजरेटर रखने वालों को निकाल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इन चार मानदण्डों से अपात्र पेंशनभोगियों का स्वत: निष्कासन हो जाएगा।