Russia on Nuclear War: परमाणु युद्ध को लेकर रूस की तरफ से अभी तक की सबसे बड़ी धमकी अमेरिका और पश्चिमी देशों को दी गई है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है, कि परमाणु हथियारों की तैनाती रूस को सुरक्षा खतरों से बचाता है और मॉस्को, लगातार पश्चिम को परमाणु युद्ध के जोखिम की याद दिला रहा है।
लावरोव की परमाणु हमले को लेकर ये टिप्पणी, रूसी अधिकारियों द्वारा उनके देश के परमाणु हथियार शस्त्रागार को लेकर सबसे ताजा और गंभीर बयान है। मास्को पिछले एक साल से लगातार परमाणु हमले को लेकर चेतावनी दे रहा है और रूस का कहना है, कि अगर उसकी सुरक्षा को लेकर खतरा होगा, तो वो परमाणु हमला करने से नहीं हिचकेगा।
रूस की धमकी के क्या हैं मायने?
पिछले महीने, पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा था, कि अगर रूसी सैनिकों के खिलाफ यूक्रेन का जवाबी हमला सफल रहा, तो मॉस्को को परमाणु हथियार का इस्तेमाल करना होगा।
लावरोव ने सरकारी स्वामित्व वाली पत्रिका, द इंटरनेशनल अफेयर्स के लिए शनिवार को प्रकाशित एक इंटरव्यू में कहा है, कि “परमाणु हथियारों की तैनाती, आज हमारे देश की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण बाहरी खतरों से निपटने के लिए, एकमात्र संभावित प्रतिक्रिया है।”
रूसी विदेश मंत्री की ये धमकी रूसी विदेश मंत्रालय के वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है।
लावरोव ने कहा, कि संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो सैन्य गठबंधन के सदस्यों का खतरा “परमाणु शक्तियों के प्रत्यक्ष सशस्त्र टकराव की स्थिति” में खत्म हो जाता है।
उन्होंने कहा, कि “हमारा मानना है, कि इस तरह के डेवलपमेंट को रोका जाना चाहिए। इसलिए हमें उच्च सैन्य और राजनीतिक जोखिमों के अस्तित्व के बारे में याद दिलाना होगा और अपने विरोधियों को गंभीर संकेत भेजना होगा।”
नाटो सदस्य और अमेरिका, यूक्रेन के कट्टर समर्थक हैं और रूस के खिलाफ युद्ध में सैन्य सहायता के सबसे बड़े प्रदाता हैं।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस द्वारा सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग करने की धमकी को “वास्तविक” बताया है।
नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने इस सप्ताह कहा है, कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन ने रूस के परमाणु बल के रुख में कोई बदलाव नहीं देखा है, और इसलिए, नाटो को अपने परमाणु रुख में प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता नहीं है।
गुरुवार को, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक, बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने चेतावनी दी थी, कि बाहरी आक्रमण का सामना करने पर वह उन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे, जो रूस ने उनके देश में तैनात किए हैं।
लुकाशेंको ने एक इंटरव्यू में कहा, कि अगर पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया से हमारे देश के खिलाफ आक्रामकता शुरू होती है, तो हम अपने पास मौजूद हर चीज से तुरंत जवाब देंगे।
वाशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक, इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर ने इस साल की शुरुआत में कहा था, कि रूस की बढ़ती परमाणु युद्ध बयानबाजी, यूक्रेन और उसके पश्चिमी समर्थक को हतोत्साहित करने पर केंद्रित एक “प्रोपेगेंडा अभियान” का हिस्सा है। उनका मानना है, कि रूस सिर्फ फर्जी धमकी दे रहा है, असल में परमाणु युद्ध का इस्तेमाल नहीं करेगा, क्योंकि वो इसके बाद का नतीजा जानता है।