पाकिस्तान के बलूचिस्तान में चीनी इंजीनियरों को लेकर जा रहे काफिले पर सशस्त्र विद्रोहियों ने हमला कर दिया जिसमें कम से कम 4 चीनी नागरिक और 9 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई है। इस हमले में कम से कम 2 आतंकियों की भी मौत हुई है। वहीं, कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को चीनी इंजीनियरों के सात वाहनों के काफिले पर फकीर कॉलोनी पुल के पास सशस्त्र विद्रोहियों ने घातक हमला किया। पाकिस्तान की ओर से इस हमले की पुष्टि की गई है। इसकी जिम्मेदारी बलूच लिब्रेशन आर्मी ने ली है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने क्षेत्र में चीनी निवेश का विरोध करते हुए कहा है कि इससे स्थानीय लोगों को कोई फायदा नहीं होता है। बीएलए ने पहले भी सीपीईसी से जुड़ी परियोजनाओं पर हमला किया है।
इस हमले के बाद ग्वादर को पूरी तरह अलर्ट पर कर दिया गया और किसी भी वाहन को शहर से निकलने और घुसने पर रोक लगा दी गई है। ‘द बलूचिस्तान पोस्ट’ के मुताबिक, सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो अलगाववादियों की मौत हो गई, जबकि अन्य लोग भागने में कामयाब रहे। उन्हें पकड़ने के लिए पाकिस्तान आर्मी सर्च ऑपरेशन चला रही है।
चीन का ग्लोबल टाइम्स ने घटना को लेकर लिखा है कि पाकिस्तान में ग्वादर पुलिस स्टेशन के पास रविवार को चीनी इंजीनियरों के काफिले पर हमला किया गया। चीनी कर्मियों के बुलेटप्रूफ गाड़ियों पर हमला किया गया। इस दौरान आईईडी विस्फोट भी हुआ जिससे वैन के शीशे में दरारें पड़ गईं। इस दौरान काफिले में 23 चीनी नागरिक थे। रिपोर्ट के मुताबिक चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के एक थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए यहां चीनी इंजीनियर मौजूद हैं। दो साल पहले भी यहां चीनी इंजीनियरों पर फिदायीन हमला हुआ था। उसमें 9 इंजीनियर मारे गए थे। इस हमले के बीच पाकिस्तान में चीनी वाणिज्य दूतावासों ने बलूचिस्तान और सिंध में अपने नागरिकों को अगले आदेश तक अपने घरों के अंदर ही रहने के आदेश जारी किए हैं। ग्वादर एक बंदरगाह शहर है जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित है। अरब सागर में स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का स्वामित्व चीन की सरकारी कंपनी के पास है। साल 2017 में पाकिस्तान ने कहा था कि चीन की सरकारी कंपनी COPHC को इसे 40 सालों के लिए लीज पर दे दिया गया है। हालांकि यहां पर चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। बलोच विद्रोही पहले भी कई बार चीनी नागरिकों को अपना निशाना बनाते रहे हैं। मई 2019 में ग्वादर के फाइव स्टार होटल पर चरमपंथी हमला हुआ था जिसमें चीनी लोग ठहरे हुए थे।
जुलाई 2021 में उत्तरी-पश्चिमी पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों को ले जा रही एक बस पर बमबारी की गई जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। 2018 में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर आतंकियों ने हमला किया था। बीते साल अप्रैल 2022 में कराची में हुए आत्मघाती हमले में तीन चीनी नागरिकों को मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर चीन ने पाकिस्तान सरकार पर गहरी नाराजगी जताई थी।