300 मीटर के दायरे में बैरिकेड लगाकर सुरक्षा बढ़ाई गई
सर्वे के चलते परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और 2 आईपीएस, 4 एडिशनल एसपी, 6 डिप्टी एसपी और 10 पुलिस इंस्पेक्टर के अलावा करीब 200 पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया है.
एएसआई की 51 सदस्यीय टीम ने शुरू किया काम
ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए एएसआई की टीम पहुंच चुकी है. टीम के 51 सदस्यों ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है. इस दौरान, मुस्लिम पक्ष के अलावा सभी संबंधित पक्ष मौजूद हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे शुक्रवार (4 अगस्त, 2023) से शुरू हो गया. आर्कियोलॉजिल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या 17वीं शताब्दी की ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर पर किया गया. वाराणसी जिला अदालत के जज अजय कृष्ण विश्वेश ने 21 जुलाई से परिसर के एएसआई सर्वे को इजाजत दी थी और 4 अगस्त को सर्वे की रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा. था
जिस दिन सर्वे शुरू होना था, उसी दिन मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया कमेटी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. कोर्ट ने 26 जुलाई तक के लिए सर्वे पर अंतरिम रोक लगा दी और मुस्लिम पक्ष से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने को कहा. 27 जुलाई को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 3 अगस्त को जस्टिस प्रितिंकर दिवाकर की पीठ ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और जिला अदालत के फैसले को न्याय संगत एवं सही बताते हुए सर्वे को मंजूरी दे दी. उधर, हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए मुस्लिम पक्ष ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
साल 2021 में लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और राखी सिंह ने श्रंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान और नंदी की रोजाना पूजा-अर्चना और दर्शन के लिए अनुमति मांगी थी. उन्होंने यह भी कहा कि विवादित ज्ञानवापी क्षेत्र में मौजूद मूर्तियों के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए और मुस्लिम पक्ष को मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से रोका जाए. उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी और उसके आसपास के हिस्से एवं श्रंगार गौरी मंदिर की वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया था. इसका मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया, जिसके बाद सर्वे बीच में ही रुक गया