बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री नाएला कादरी ने भारत के अपने समकक्ष पीएम नरेंद्र मोदी से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में समर्थन मांगा है. दरअसल, उन्होंने पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी के लिए यूएन में यह समर्थन मांगा है.
नाएला कादरी ने शुक्रवार (28 जुलाई) को भारत के हरिद्वार में स्थित गंगा के तट पर बलूचिस्तान की आजादी के लिए पूजा की. साथ ही पत्रकारों से बात करते उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार के पास आज संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान के समर्थन में बोलने का मौका है. हो सकता है यह मौका कल उनके पास न हो.
बलूचिस्तान के लोगों पर अत्याचार कर रहा पाकिस्तान
उन्होंने आगे कहा कि बलूचिस्तान कभी एक स्वतंत्र देश था, लेकिन अब पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान बलूचिस्तान के खनिज संसाधनों को लूट रहा है. इसके साथ ही यहां के स्थानीय लोगों पर हर तरह के अत्याचार कर रहा है. कादरी ने कहा कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान अकेले अत्याचार नहीं कर रहा है, बल्कि बलूच लोगों पर अत्याचार करने के लिए उसने चीन को भी शामिल कर लिया है.
बलूच लड़कियों के साथ हो रहा बलात्कार
नाएला कादरी ने कहा कि ये लोग बलूच लड़कियों के साथ बलात्कार करते हैं. यहां रहने वाले लोगों के घरों और बगीचों को आग के हवाले किया जा रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर भारत संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान के लिए खड़ा होगा तो हमारा देश आजाद होगा तो हम भी भारत के समर्थन में खड़े होंगे. कादरी ने कहा कि बलूचिस्तान का बच्चा-बच्चा दहशतगर्दों और पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी चाहता है. ऐसे में हमें दुनिया भर के समर्थन की जरुरत है.
भारत और बलूचिस्तान के बीच समानताओं के बारे में बात करते हुए कादरी ने कहा कि दोनों को धर्म के नाम पर कुचला गया. क़ादरी इस समय पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आज़ादी के लिए समर्थन जुटाने के लिए दुनिया भर का दौरा कर रही हैं.