काठमांडू, 27 जुलाई। नेपाल के निर्माण क्षेत्र के लिए भारत से विस्फोटकों का आयात फिर शुरू हो गया है। नेपाली सेना के प्रवक्ता कृष्ण प्रसाद भंडारी ने बताया कि भारत से विस्फोटकों का आयात इसी सप्ताह से शुरू हो गया है।
नेपाल में विस्फोटकों के दुरुपयोग के संदेह के कारण भारत ने छह महीने पहले आयात परमिट नहीं दिया था। चीनी कंपनियों के प्रोजेक्ट्स में विस्फोटक पहुंचने से भारत ने हाथ खींच लिए थे। इसके बाद जब विस्फोटकों की कमी हो गई तो नेपाल ने चीन से विस्फोटक आयात करना शुरू कर दिया।
भारत से विस्फोटकों के लिए कच्चे माल का आयात फिर से शुरू होने के बाद नेपाली सेना के इमल्शन प्लांट के संचालन में कोई दिक्कत नहीं आई है। सैन्य प्रवक्ता भंडारी ने बताया कि इमल्शन प्लांट के लिए आवश्यक विस्फोटकों का कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में मिलना शुरू हो गया है।
भारत ने नेपाल को केवल नेपाली निवेश से बनने वाली परियोजनाओं के लिए विस्फोटकों की अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दी है। चीनी निवेश और चीनी निर्माण कंपनियों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए एनओसी नहीं दी गई है। सैन्य प्रवक्ता भंडारी ने बताया कि एनओसी प्राप्त परियोजनाओं के लिए विस्फोटकों का आना शुरू हो गया है।
भारतीय निवेश और कंपनी की भागीदारी के साथ निर्माण क्षेत्र के लिए एनओसी है। इससे उन्हें विस्फोटकों की कोई दिक्कत नहीं होती। नेपाल में निर्माण क्षेत्र में चीनी कंपनियों का दबदबा शुरू होने के बाद नेपाल में भारत द्वारा सख्त नीति अपनाने का मुद्दा उठाया जा रहा है।
चीनी कंपनियां काठमांडू तराई एक्सप्रेसवे (फास्ट ट्रैक), कुछ सुरंगों और जलविद्युत परियोजनाओं में शामिल हो रही हैं। सीमेंट उद्योग में चीन का निवेश भी बहुत बड़ा है। नेपाल सरकार ने चीन से भी विस्फोटकों के आयात की अनुमति देने का फैसला किया है। हालाँकि चीन से आयातित विस्फोटक महंगा है। चीन से विस्फोटक आयात करने पर भारत की तुलना में 10.5 फीसदी ज्यादा टैक्स देना पड़ता है। इसलिए, चीन से आयातित विस्फोटक भारत की तुलना में अधिक महंगे होते हैं। दूसरी ओर, सीमा पर अतिरिक्त शिपिंग लागत और सुरक्षा शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।