India Gifted INS Kirpan To Vietnam: भारत ने अपनी दोस्ती का हक अदा करते हुए मित्र देश वियतनाम को आईएनएस कृपाण गिफ्ट किया है. चीन और वियतनाम के बीच विवाद के बाद ये कदम अहम माना जा रहा है.
India Gifted INS Kirpan: भारत ने शनिवार (22 जुलाई) को अपने मित्र देश वियतनाम को आईएनएस कृपाण तोहफे में दे दिया. इस जंगी जहाज ने भारतीय नौसेना की 32 सालों तक सेवा की. वियतनाम में हुई एक सेरेमनी के दौरान नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने आईएनएस कृपाण को वियतनाम पीपल्स नेवी के चीफ को सौंपा.
ये सिर्फ भारत और वियतनाम की मजबूत दोस्ती का सबूत ही नहीं है बल्कि इससे वियतनाम की साउथ चाइन सी में ताकत भी बढ़ेगी. कैम रैन में समारोह की अध्यक्षता करते हुए एडमिरल कुमार ने कहा, “वियतनाम भारत के ‘इंडो-पैसिफिक विजन’ में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में कार्य करता है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र को सुरक्षित, संरक्षित और स्थिर बनाए रखने की दिशा में संबंधों को मजबूत करना और साझेदारी विकसित करना है.”
वियतनाम का चीन के साथ विवाद
आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई देशों का संगठन) के एक महत्वपूर्ण देश वियतनाम का दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है. वहीं भारत दक्षिण चीन सागर में वियतनामी जलक्षेत्र में तेल अन्वेषण परियोजनाओं में मदद कर रहा है. दोनों देश पिछले कुछ वर्षों में साझा हितों की रक्षा के लिए अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं.
एडमिरल कुमार ने कहा, “भारत और वियतनाम दोनों वैश्विक समुदाय के जिम्मेदार सदस्य हैं और अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे में निहित निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं. ”
एडमिरल कुमार ने आशा जताई कि आईएनएस कृपाण समुद्र में परिचालन जारी रखेगा, ‘स्वतंत्रता, न्याय और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के सिद्धांतों को कायम रखते हुए वह स्तंभ बनेगा जिसके चारों ओर ‘भलाई की ताकत’ का निर्माण किया जाएगा.
उनकी टिप्पणियां दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत की पृष्ठभूमि में आई हैं. भारतीय नौसेना से सेवामुक्त होने के बाद आईएनएस कृपाण को वियतनाम को सौंपा गया है.
भारतीय नौसेना ने बयान में कहा, ‘राष्ट्र के लिए 32 साल की शानदार सेवा पूरी करने के बाद भारतीय नौसैना के जहाज कृपाण को सेवामुक्त कर दिया गया और आज वीपीएन को सौंप दिया गया है.’
आईएनएस कृपाण की खासियत
आईएनएस कृपाण साल 1991 में सेवा में शामिल किए जाने के बाद से भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक अभिन्न अंग रहा और पिछले 32 सालों में कई ऑपरेशन में भाग लिया. लगभग 12 अधिकारियों और 100 नाविकों से संचालित, जहाज 90 मीटर लंबा और 10.45 मीटर चौड़ा है.