हिसार नई दिल्ली , 22 जुलाई। औसत से अधिक वर्षा के कारण उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति की सिरसा में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहरलाल कार्यक्रम में फेरबदल कर देर से सिरसा पहुंचे और बैठक के नाम पर खानापूर्ति करके चले गए जबकि बाढ़ पीड़ितों को उम्मीद थी कि सीएम उनके जख्मों पर मरहम लगाकर जाएंगे। सीएम ने सिरसा से पहले हिसार में आयोजित भाजपा प्रदेश के सभी जिला अध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों की बैठक में जाना उचित समझा।
यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव, छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा ने मीडिया के नाम जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा है कि शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सिरसा,हिसार और करनाल दौरा प्रस्तावित था। सिरसा में उन्हें औसत से अधिक वर्षा के कारण उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति को लेकर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में भाग लेना था और बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कोई घोषणा भी करनी थी।
पूरा प्रशासनिक अमला उनकी इस बैठक की तैयारियां में जुटा हुआ था पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में फेरबदल करते हुए पहले सिरसा आने के बजाए हिसार में आयोजित भाजपा प्रदेश के सभी जिला अध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों की बैठक में जाना उचित समझा जबकि सिरसा जिला की जनता की उम्मीद भरी निगाहें मुख्यमंत्री पर लगी हुई थी कि न जाने मुख्यमंत्री उनकी मदद के लिए क्या घोषणा करके जांएगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की बाढ़ के हालात को गंभीरता से लेना चाहिए था इसके बाद वे हिसार में आयोजित भाजपा की बैठक में शामिल हो सकते थे उन्होंने जनहित के बजाए पार्टी संगठन के कार्यक्रम को महत्व दिया। जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं हैं। मुख्यमंत्री देर शाम हवाई मार्ग से सिरसा वायुसेना कें द्र पहुंचे और वहीं पर ही अधिकारियों की मीटिंग लेकर चले गए जबकि उन्हें बाढ़ पीड़ितों के बीच भी जाकर उनका हालचाल जानना चाहिए था।