नई दिल्ली: दाएं हाथ के मीडियम फास्ट बॉलर मुकेश कुमार ने आखिरकार टीम इंडिया के लिए डेब्यू कर लिया। गुरुवार से वेस्ट इंडीज के खिलाफ क्वींस पार्क में शुरू हुए दूसरे टेस्ट में मुकेश का सपना पूरा हुआ।
गोपालगंज बिहार के रहने वाले मुकेश कुमार के यहां तक पहुंचने की कहानी बेहद दिलचस्प है। आइए जानते हैं कि आखिर ये गेंदबाज कौन है…
मुकेश के सपने अलग थे
मुकेश कुमार को क्रिकेट के लिए अपना घर और प्रदेश तक छोड़ना पड़ा था। उनके दिवंगत पिता कोलकाता में ऑटो चलाते थे। उनके पिता चाहते थे कि बेटा उनकी आमदनी में हाथ बंटाए, लेकिन मुकेश के सपने थोड़े अलग थे। पिता को उनकी काबिलियत पर भी शक था। तमाम चुनौतियों के बावजूद उन्होंने 20 साल की उम्र में क्रिकेट को प्रोफेशनल तरीके से खेलना शुरू कर दिया था।
क्लब क्रिकेट से कमाते थे पैसे
इससे पहले वह रोजाना की आमदनी के लिए क्लब क्रिकेट खेला करते थे। 2014 में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के ट्रायल में उन्हें पहली बार देखा गया। हर क्रिकेटर की तरह मुकेश चाहते थे कि उन्हें एक दिन टीम इंडिया से खेलने का मौका मिले। आखिरकार गुरुवार 20 जुलाई को उनका ये सपना पूरा हुआ।
बांग्लादेश के खिलाफ काट डाला था गदर
मुकेश कुमार अपनी घातक गेंदबाजी से गदर मचाते रहे हैं। बांग्लादेश में इंडिया ए के लिए खेलते हुए उन्होंने घातक गेंदबाजी की थी। दूसरे मुकाबले में मुकेश कुमार ने घातक गेंदबाजी करते हुए 15.5 ओवर में 6 विकेट चटका डाले थे। उन्होंने 40 रन दिए और 5 मेडिन ओवर भी फेंके।
इससे पहले उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी के 6 मैचों में 9 विकेट चटकाकर अपने प्रदर्शन से दंग किया था। इसके बाद उन्हें दिल्ली कैपिटल्स की ओर से आईपीएल 2023 में खेलने का मौका मिला। मुकेश का बेस प्राइस 20 लाख रुपये था। उन्हें दिल्ली कैप्टिल्स ने 5.50 करोड़ की बड़ी प्राइस पर अपने साथ जोड़ा। इस सीजन उन्होंने 10 मैचों में 7 विकेट निकाले थे।