खाने-पीने की चीजों के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी रोकने में केंद्र विफल
अनाज, दाल, मसालों के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला बरकरार
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार की महंगाई पर काबू पाने की न कोई नीति है और न ही कोई नियंत्रण है। खाने-पीने की चीजों के दाम में लगातार बढ़ोतरी पर काबू पाने में केंद्र सरकार विफल साबित हो रही है। घरों में हर आदमी की जरूरत के तौर पर गिने जाने वाले अनाज, दाल, मसालों के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला बरकरार है। आलम यह है कि अब तो केंद्र सरकार का कोई भी मंत्री महंगाई के मुद्दे पर मुंह तक नहीं खोल पा रहा है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की ओर से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के जारी किए गए आंकड़े खुद ही बताते हैं कि खुदरा महंगाई तीन महीने के उच्चतम स्तर पर है। जून महीने में मसालों के दाम 19.19 प्रतिशत, अनाज के 12.71 प्रतिशत, दालों के 10.53 प्रतिशत व अंडे के दाम में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाजार में दो महीना पहले ही नया गेहूं आया है और इसके बावजूद तेजी के दाम बढ़ने के लिए बड़े-बड़े स्टॉकिस्ट की भूमिका से नकारा नहीं जा सकता। नया चावल अभी अक्टूबर महीने में आएगा और दाम बढ़ने की जो तेजी देखी जा रही है, उससे लगता है कि केंद्र सरकार ने सख्त कदम नहीं उठाए तो चावल के दामों में लगातार तेजी आएगी।
कुमारी सैलजा ने कहा कि खाने-पीने में प्रयोग होने वाले अनाज, दालों व तेल के दाम बढ़ाए जाने के पीछे गुजरात के बड़े-बड़े स्टॉकिस्ट का हाथ है। इन्होंने मंडियों से सस्ते दाम में खरीद की और मोटा मुनाफा कमाने के लिए अब लगातार मनमाने तरीके से दामों को बढ़ा रहे हैं। खाने-पीने का सामान लोगों की सबसे बड़ी जरूरत है और इसका फायदा ये बड़े-बड़े व्यवसायी बखूबी उठा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बढ़ रही महंगाई को काबू करने के लिए सिर्फ दिखावे के तौर पर खाद्यान्नों के भंडारण की स्टॉक सीमा तय कर दी है। लेकिन, एक भी बड़े स्टॉकिस्ट पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। सख्त कदम न उठाए जाने के पीछे की असली वजह बड़े व्यापारियों का गुजराती होना ही है।
केंद्र सरकार को इस सिलसिले में श्वेत पत्र जारी करना चाहिए कि उसने कितने बड़े स्टॉकिस्ट पर कार्रवाई की है। देश को बताना चाहिए कि महंगाई पर काबू पाने के लिए अभी तक क्या-क्या कदम उठाए। कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार के पास न तो महंगाई पर नियंत्रण पाने की कोई नीति है और न ही नीयत है। इसलिए एक बार भी महंगाई पर बात करने की हिम्मत सत्ता में बैठे लोग कर नहीं पा रहे हैं। महंगाई से तंग देश की जनता अगले चुनाव में भाजपा को माकूल जवाब देगी।