नेशनल डेस्कः संयुक्त राष्ट्र से भारत के लिए अच्छी खबर आई है। यूएनडीपी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रिकॉर्ड स्तर पर गरीबी कम हुई है। इसमें बताया गया है कि बीते 15 साल में 415 मिलियन यानी 41 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं।
यह रिपोर्ट 110 देशों के आंकड़ों को लेकर तैयार की गई है। यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) की ओर से जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index) में बताया गया है कि भारत में 415 मिलियन लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। UN ने भारत की इस कोशिश को ऐतिहासिक बदलाव बताया है। इसमें कहा गया है कि भारत में 2020 के आंकड़ों के आधार पर दुनिया भर में सबसे ज्यादा गरीब लोग (22।8 करोड) हैं, इसके बाद नाइजीरिया (2020 में लगभग 96।7 मिलियन) हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पोषण और ऊर्जा की किल्लतों से जुड़ी समस्याओं पर काम करना सरकार की प्राथमिकता सूची में बरकरार रहना चाहिए कोरोना के दौरान ने भारत ने बेहतर काम किया रिपोर्ट कहती है कि गरीबी में कमी लाना संभव है। कोविड-19 के महामारी के दौरान के व्यापक आंकड़ों की कमी की वजह से तात्कालिक संभावनाओं का आकलन करना थोड़ा मुश्किल है। भारत में 2005-06 से 2019-21 तक 41।5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। 2005-06 में भारत में लगभग 64।5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी में थे।
2015-16 में यह संख्या घटकर लगभग 37 करोड़ पर और 2019-21 में 23 करोड़ पर आ गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में पोषण के संकेतक के आधार पर बहुआयामी गरीबी और वंचित लोगों की संख्या 2005-06 के 44।3 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 118 प्रतिशत पर आ गई। बाल मृत्यु दर भी इस दौरान 4।5 प्रतिशत से घटकर 1।5 प्रतिशत रह गई। रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग गरीब हैं और खाना पकाने के ईंधन से वंचित हैं, उनकी संख्या 52।9 प्रतिशत से घटकर 13।9 प्रतिशत रह गई है।
वहीं स्वच्छता से वंचित लोग 2005-06 के 50।4 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 11।3 प्रतिशत रह गए हैं। पीने के साफ पानी यानी पेयजल के मानक पर देखें, तो इस अवधि में ऐसे लोगों की संख्या 16।4 प्रतिशत से घटकर 2।7 प्रतिशत रह गई। वहीं बिजली से वंचित लोगों की संख्या इस दौरान 29 प्रतिशत से घटकर 2।1 प्रतिशत पर आ गई। बड़ी संख्या में लोगों को अपना घर मिला आवास से वंचित लोगों का आंकड़ा भी 44।9 प्रतिशत से घटकर 13।6 प्रतिशत रह गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत उन 19 देशों में शामिल है जिन्होंने एक अवधि में अपने एमपीआई को आधा किया है। भारत के लिए यह अवधि 2005-06 से 2005-16 रही है। वर्ष 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि 110 देशों में 6।1 अरब लोगों में से 1।1 अरब काफी गरीबी में रह रहे हैं। उप-सहारा अफ्रीका में ऐसे लोगों की संख्या 53।4 करोड़ और दक्षिण एशिया में 38।9 करोड़ है।