GST News : केंद्र सरकार ने हाल ही में धन शोधन कानून के प्रावधानों में संशोधन करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के साथ सूचना साझा करने की अनुमति दे दी है.
मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से संबद्ध किए जाने से, कर चुकाने वाले कारोबारियों को भी संघीय एजेंसी गिरफ्तार कर सकती है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उम्मीद जतायी कि मंगलवार को जीएसटी परिषद की बैठक में लोग इस घटनाक्रम का विरोध करेंगे. केजरीवाल ने ट्वीट किया कि व्यापारियों का एक बहुत बड़ा वर्ग जीएसटी नहीं देता. कुछ मजबूरी में, कुछ जानबूझकर. केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले जीएसटी को भी ईडी के दायरे में शामिल कर दिया. यानी अब अगर कोई व्यापारी जीएसटी नहीं देता तो ईडी उसे सीधे गिरफ्तार करेगी और जमानत भी नहीं मिलेगी. जीएसटी प्रणाली इतनी जटिल है कि जो लोग पूरा जीएसटी भी दे रहे हैं, उन्हें भी किसी प्रावधान में फंसाकर जेल में डाला जा सकता है.
देश के छोटे-छोटे व्यापारी भी इसकी चपेट में
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यानी देश के किसी भी व्यापारी को केंद्र सरकार जब चाहे, जेल भेज देगी. यह बेहद खतरनाक है. व्यापारी व्यापार करने की बजाय अपने को बस ईडी से बचाता फिरेगा. देश के छोटे-छोटे व्यापारी भी इसकी चपेट में आ जाएंगे. कोई व्यापारी नहीं बचेगा. यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और देश के व्यापारियों के साथ हैं.
जीएसटीएन के साथ सूचना साझा करने की अनुमति
आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले दिनों ही में धन शोधन कानून के प्रावधानों में संशोधन करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के साथ सूचना साझा करने की अनुमति दे दी है. इस कदम से धन शोधन के जरिए की गयी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी की वसूली में मदद मिलेगी. जीएसटीएन अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की प्रौद्योगिकी को संभालता है और रिटर्न, कर दाखिल करने के ब्योरे व अन्य अनुपालन सहित जीएसटी से संबंधित सभी सूचनाओं को रखता है. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों में संशोधन के अनुसार, जीएसटीएन को उन इकाइयों की सूची में शामिल किया गया है जिनके साथ ईडी सूचना साझा करेगा.