दमोह: दमोह जिले के पंचमुखी हनुमान मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर के पटों पर कभी ताला नहीं लगाया जाता. आप जिस भी समय, जितनी देर पूजा करना चाहे आप कर सकते है. यहां सुबह के पूजन के बाद आपको पुजारी नहीं मिलेंगे.
मध्यप्रदेश के दमोह जिले में आपको ज्यादातर हनुमान मंदिर 450 साल पहले के मिलेंगे. दरअसल, उस दौरान चंदेल शासको ने यहां राज किया था. चंदेल शासक अपने इष्ट के रूप में हनुमानजी महाराज को मानते थे. जिसके चलते शासको ने जगह-जगह हनुमानजी महाराज की मूर्तियों की स्थापना की. उन्हीं में से एक मंदिर दमोह जबलपुर मार्ग पर तेजगढ़ ब्लॉक के हर्रई में है. कटंगी पुलिया नामक स्थान पर कल्पवृक्ष के नीचे पंचमुखी हनुमान की यह प्राचीन मूर्ति विराजमान है, जिसकी दूर-दूर तक मान्यता है.