हरियाणा सरकार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अमृत सरोवर मिशन के तहत 98.60 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा कर लिया है।
इस योजना के तहत प्रदेश में कुल 1650 अमृत सरोवर बनाए जाने हैं, जिनमें से कुल 1627 अमृत सरोवरों का निमार्ण पूर्ण हो गया है।
इनमें 558 मॉडल पोंड तथा 1069 मनरेगा पोंड शामिल हैं। शेष अमृत सरोवरों के लक्ष्य को भी 30 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।
हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रभाकर कुमार वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व और उनके मार्गदर्शन में हरियाणा तालाब प्राधिकरण प्रदेश के सभी तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए कार्य कर रहा है। प्राधिकरण पॉन्ड डाटा मैनेजमेंट सिस्टम (पीडीएमएस) में उपलब्ध कुल 19487 तालाबों में से प्राथमिकता पर 11836 प्रदूषित तालाबों को पूर्ण जीवित करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने अपने वार्षिक योजना वर्ष 2024-25 तक 6680 तालाबों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने बताया कि अमृत सरोवर मिशन के तहत प्रदेश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए जाने हैं, जिसे 30 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अमृत सरोवर के कार्य को एक नई एवं अनूठी दिशा देते हुए इन्हें अमृत, अमृत+ एवं अमृत++ तीन चरणों में विभाजित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि अमृत फेस के अंतर्गत अमृत सरोवर मिशन के चार मापदंडों के अनुसार सभी 1650 तालाबों को 30 जून तक पूर्ण किया जाना है। अमृत+ फेस में पहले चरण में पूर्ण सभी सरोवरों को प्राधिकरण के आदर्श सरोवर के बाकि बचे सात मापदंडों के अनुसार 15 अगस्त 2023 तक पूरा किया जाना है।
अमृत++ फेस में दूसरे चरण के अंतर्गत पूर्ण सरोवरों को प्रदेश के लिए आय का स्रोत बनाने की योजना है। इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्राधिकरण ने मत्स्य पालन विभाग तथा मिकाडा को प्रत्येक जिले में न्यूनतम 5 तालाबों का चयन कर 30 जून तक भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, पर्यटन विभाग को भी अमृत+ की सूची में से 25 एकड़ या उससे बड़े 15 सरोवरों को पर्यटन गतिविधि बढ़ाने हेतु कार्य करने को कहा गया है।
प्रभाकर कुमार वर्मा ने प्राधिकरण की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि आदर्श तालाबों के कारण ग्रामीणों के जनजीवन में बदलाव आया है। आदर्श तालाबों के चारों ओर वृक्षारोपण के कारण पर्यावरण में भी सुधार हुआ है। मछली पालन, सूक्ष्म सिंचाई एवं पर्यटन योजनाओं के कारण प्रदेश को आय का स्त्रोत भी बनेगा। इतना ही नहीं, वर्ष 2022-23 में तालाबों की जल क्षमता में 1594 करोड़ लीटर तथा रिचार्जिंग में 956 करोड़ लीटर की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 और 2024-25 तक इनमें क्रमशः 6191 करोड़ लीटर एवं 3056 करोड़ लीटर वृद्धि का लक्ष्य है। सिंचाई हेतु कैनाल के जल पर निर्भरता कम हुई है।