Subhash Chandra Bose Jayanti: पूरा देश आज यानी 23 जनवरी, 2025 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट होने का आग्रह किया। इस दौरान पीएम मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ‘आजाद हिंद फौज’ से तुलना करते हुए भारत की प्रगति के लिए एकता पर जोर दिया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ओडिशा के कटक में बाराबती किले में ‘पराक्रम दिवस समारोह’ को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को नमन करता हूं। इस वर्ष का पराक्रम दिवस नेताजी की जन्मभूमि पर भव्य तरीके से मनाया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि मैं ओडिशा की जनता और सरकार को बधाई देता हूं। कटक में नेताजी के जीवन से जुड़ी एक बहुत बड़ी प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें उनके जीवन से जुड़ी कई धरोहरों को एक साथ संजोया गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज जब हमारा देश विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने में लगा हुआ है, तो हमें नेताजी के जीवन से प्रेरणा मिलती है। उनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य था आजाद हिंद… नेताजी ने देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज बनाई। इसमें देश के हर क्षेत्र से वीर व वीरांगनाएं थीं। सबकी भाषाएं अलग-अलग थीं लेकिन भावना एक थी- देश की आजादी। यह भावना आज एक बड़ी सीख है। तब हमें स्वराज के लिए एक होना था, आज हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना है।
दुनिया भारत की ओर देख रही है कि हम इस 21वीं सदी को भारत की सदी कैसे बनाते हैं। हमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रेरणा से देश को एकजुट रखना है। ‘पराक्रम दिवस कार्यक्रम 2025’ के अवसर पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी को भारत की विरासत पर बहुत गर्व था।
आज भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर आ रहा है, अपनी विरासत पर गर्व करते हुए विकास कर रहा है। नेताजी की विरासत से प्रेरणा लेते हुए, हमारी सरकार ने 2019 में दिल्ली के लाल किले में नेताजी को समर्पित एक संग्रहालय बनाया, और उसी वर्ष सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार शुरू किए। 2021 में सरकार ने फैसला किया कि नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा।