भाजपा सरकार ने हरियाणा को पेपर लीक फैक्टरी बनाया, हर परीक्षा में किसी न किसी रूप में होती है गड़बड़: कुमारी सैलजा
कहा-परीक्षाओं में धांधलियों की अनदेखी कर प्रदेश सरकार कर रही है युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़
चंडीगढ़, 23 जनवरी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के कार्यकाल में कोई भी परीक्षा पारदर्शिता के साथ संपन्न नहीं हुई है, हर परीक्षा में कोई न कोई गड़बड़ी जरूर होती है, पेपर लीक होना आम बात बन गई है। अभी एमबीबीएस एग्जाम में गड़बड़ी सामने आई है। वार्षिक और पूरक दोनों परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा लिखवाया गया। सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार की अनदेखी के चलते आज हरियाणा अब कुख्यात पेपर लीक फैक्टरी बनकर रह गया है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है कोई भी परीक्षा बिना किसी व्यवधान के संपन्न नहीं हुई, परीक्षाओं में पेपर लीक होना आम हो गया है। बड़े पैमाने पर नकल करवाने के मामले सामने आए है। उत्तर पुस्तिकाओं को बदलना, उत्तर पुस्तिकाओं का बाहर जाना, परीक्षा पर्यवेक्षक द्वारा नकल करवाना जैसे मामले सामने आ रहे हैं। प्रदेश की अधिकतर परीक्षाओं में पेपर लीक होते आए है, पेपर लीक की बढ़ती वारदातों के चलते हरियाणा को पेपर लीक फैक्टरी के नाम से जाना जाने लगा है। जब किसी परीक्षा में पारदर्शिता न हो तो इससे सबसे ज्यादा प्रतिभावान अभ्यर्थी परेशान होते हैं। जिन परीक्षाओं ने लिखित परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए है उन्हें साक्षात्कार में कम नंबर देकर चहेतो को आगे कर दिया जाता है। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रतिभाओं के साथ विश्वासघात नहीं होना चाहिए।
कुमारी सैलजा ने कहा कि अभी प्रदेश में एमबीबीएस परीक्षा घोटाला सामने आया है। अब परीक्षा पर्यवेक्षकों को और अधिक जवाबदेह बनाने के लिए जिम्मेदारी तय जा रही है, इस ओर पहले ही कदम उठाया जा सकता था। पर्यवेक्षकों को पेपर खोलने और बांटने का समय, उत्तर पुस्तिकाओं का संग्रह और विश्वविद्यालय को जमा करने का समय की निगरानी जरूरी है। जिसमें केंद्रों पर अनुचित साधनों के इस्तेमाल की रिपोर्ट पहले ही मिलती रही है उन्हें ब्लैकलिस्ट कर देना चाहिए। एमबीबीएस एग्जाम में गड़बड़ी सबसे बड़ा गुनाह है। वार्षिक और पूरक दोनों परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा लिखना बिना किसी साजिश के संभव नहीं है, सरकार को नकल माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करनी ही होगी। नकल माफिया कर्मचारियों के माध्यम से ही परीक्षाओं में घोटाले करते आए है। ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई करनी होगी।