इंटरनेट अब सिर्फ सूचना और मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि अपराध का मंच भी बनता जा रहा है। चिंता की बात यह है कि बच्चे भी इसकी जद में आ रहे हैं। पिछले साल दुनिया भर में लगभग 12 बच्चों में एक बच्चा ऑनलाइन यौन उत्पीड़न (Online Sexual Harassment) का शिकार हुआ। द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय और चीन कृषि विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 2010 से 2023 तक की गई 123 रिसर्च का विश्लेषण किया। रिसर्च में पाया गया कि डिजिटल ग्रोथ और स्मार्टफोन का प्रयोग बढ़ने के साथ-साथ 18 साल से कम उम्र के बच्चों के यौन शोषण के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं।
विकासशील देशों में बढ़ रही है समस्या
विकासशील देशों में यह समस्या बढ़ रही है। इन देशों में ऐसे अधिकांश मामले कभी रिपोर्ट ही नहीं किए जाते। रिपोर्ट में कहा गया है कि हर सेकेंड में 10 बच्चे ऑनलाइन यौन शोषण और उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। रिसर्च के लेखकों ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपदा की संज्ञा देते हुए चेताया है कि यह बच्चों की मानसिक और शारीरिक ग्रोथ पर नकारात्मक असर डालता है, जिसका असर अतंतः रोजगार की संभावनाओं और जीवन प्रत्याशा पर होता है। गौरतलब है कि 2024 के अंत में चाइल्डगेट के अध्ययन में सालाना यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों की संख्या का अनुमान 30 करोड़ लगाया गया था।