नई दिल्ली में संसद भवन में राजनीतिक अशांति के एक दिन बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सख्त निर्देश जारी किए गए।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी दल इंडिया के सदस्यों के बीच अराजक झड़पों के बाद, स्पीकर ने आगे की व्यवधान से बचने के लिए संसद के द्वार पर विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
इस टकराव ने दोनों दलों के बीच वाकयुद्ध को जन्म दे दिया है। भाजपा नेताओं ने INDIA के सदस्यों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है, जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विपक्षी नेताओं ने इन दावों का खंडन किया है। दोनों पक्षों ने अध्यक्ष के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। जैसे-जैसे स्थिति सामने आ रही है, इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि इस घटना का आगामी संसद सत्र पर क्या असर होगा। स्पीकर ने जवाबदेही सुनिश्चित करने और संसद परिसर में शिष्टाचार बनाए रखने के लिए मामले की जांच की मांग की है।
सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताई गईं इस झड़प ने संसद के प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इस झड़प में विभिन्न दलों के सांसदों के शामिल होने के कारण भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर उपायों की मांग की जा रही है। संसद सत्र के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करना अधिकारियों की प्राथमिकता बनी हुई है।