जनहित के मुद्दों की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने सदन पटल पर हरियाणा में प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) योजना को लेकर पूछा सवाल…..
वर्तमान वित्त वर्ष के लिए देश में विशेष तौर पर भिवानी जिले के लिए कौशल विकास हेतु बजट आवंटन का ब्यौरा क्या है;
– हरियाणा में विशेष रूप से भिवानी जिले में प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के अंतर्गत लाभार्थियों के वितरण का ब्यौरा क्या है;
– कौशल विकास कार्यक्रमों में उद्योग भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे है; और
– कौशल विकास पहलों को सुगम बनाने में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की क्या भूमिका है और इसकी प्रभावोत्पादकता को किस प्रकार बढाया जा सकता है?
किरण चौधरी के सवाल के जवाब में कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री श्री जयन्त चौधरी ने बताया की..
– कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) देशभर के युवाओं को अल्पावधि प्रशिक्षण (एसटीटी) के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने तथा पूर्व शिक्षण मान्यता (आरपीएल) के माध्यम से कौशलोन्नयन एवं पुनकौशलीकरण प्रदान करने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 4.0 (पीएमकेवीवाई 4.0) (2022-26) का कार्यान्वयन कर रहा है। वर्तमान वित्त वर्ष 2024- 25 के लिए पीएमकेयीवाई 4.0 का संशोधित अनुमान 1538.00 करोड़ रुपए है। वर्तमान वित्त वर्ष में पीएमकेवीवाई 4.0 के अंतर्गत हरियाणा राज्य के भिवानी जिले में 2.21 करोड़ रुपए का उपयोग किया गया है।
– पीएमकेवीवाई के तहत, प्रारंभन से दिनांक 31.10.2024 तक, हरियाणा राज्य में 7,29,887 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 42,664 उम्मीदवारों को भिवानी जिले में प्रशिक्षित किया गया है।
– कौशल विकास कार्यक्रमों में उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए, मंत्रालय ने पीएमकेवीवाई के अंतर्गत उद्योग संरेखित प्रशिक्षण, शिक्षुता-सम्बद्ध कौशल पहल और स्थानीय उद्योगों के साथ भागीदारी को प्राथमिकता दी है। पीएमकेवीवाई कक्षा में सीखने और कार्यस्थल की आवश्यकताओं के बीच संबंध को मजबूत करने के लिए कार्यरत प्रशिक्षण को प्रोत्साहन देता है। उद्योग विशेषज्ञ, वर्तमान बाजार-मांगों के साथ संरेखण सुनिश्चित करते हुए पाठ्यक्रम विकास में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उद्योगों को कुशल उम्मीदवारों से सीधे जोडने के लिए रोजगार मेले, कैरियर परामर्श सत्र आदि आयोजित किए जाते हैं।
– सार्वजनिक-निजी भागीदारी पहल के रूप में स्थापित राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और अन्य मंत्रालयों/विभागों की विभिन्न कौशल योजनाओं अर्थात पीएमकेवीवाई, एनएपीएस और पीएम विश्वकर्मा के साथ-साथ देश भर में बाजार आधारित शुल्क आधारित कार्यक्रमों को कार्यान्वित करता है। एनएसडीसी के माध्यम से मंत्रालय ने उद्योग भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें वास्तविक समय की निगरानी के साथ सरकारी और निजी कार्यक्रमों को एकीकृत करने के लिए स्किल इंडिया डिजिटल हब, रोजगार-प्रासंगिक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए उद्योग सहयोग, गुणवत्ता आश्वासन के लिए मजबूत निगरानी ढांचा और वैश्विक पहुंच शामिल हैं।