Rajasthan News: जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू गुरु आसाराम बापू को अस्थायी पैरोल पर रिहा कर दिया गया है। इस पैरोल के तहत उन्हें 15 दिन चिकित्सा उपचार और 2 दिन यात्रा के लिए दिए गए हैं। आईसीयू एंबुलेंस के माध्यम से वह महाराष्ट्र के लिए रवाना हो चुके हैं। उनकी रिहाई ने जनता और उनके अनुयायियों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं।
यौन उत्पीड़न का गंभीर मामला
2013 में आसाराम को जोधपुर आश्रम में एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया था। उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और धारा 377 के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह मामला न केवल धार्मिक गुरुओं की छवि पर सवाल खड़े करता है। बल्कि समाज में व्याप्त अंधविश्वास और पाखंड पर भी प्रकाश डालता है।
पैरोल का कारण और शर्तें
आसाराम ने अदालत में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पैरोल की याचिका दायर की थी। अदालत ने उनकी याचिका पर सहमति जताते हुए 17 दिनों की अस्थायी पैरोल मंजूर की। पैरोल के दौरान आसाराम को सख्त कानूनी शर्तों का पालन करना होगा। पैरोल अवधि के दौरान किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होने पर पैरोल रद्द हो सकती है। उन्हें केवल चिकित्सा उपचार और यात्रा तक ही अपनी गतिविधियां सीमित रखनी होंगी। स्थानीय प्रशासन उनकी हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखेगा।